
लॉकडाउन के दौर में जब लोग घरों में रहने को मजबूर थे तो इस दौरान फर्जीवाड़ा करने वाले करीब 10 हजार किलो नकली टाटा नमक दिल्ली में बेच चुके थे. बरामद नकली पैकेट को देखकर पहचान कर पाना मुश्किल है कि असली कौन और नकली कौन.
छापेमारी में नकली चीजें बरामद
दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके की दुकानों में छापेमारी कर नकली टाटा नमक की एक खेप बरामद की गई. जिसके बाद कंझावला में भी फैक्ट्री पर छापा मार बाकी बचे नकली टाटा नमक बरामद किया गया.
नकली टाटा नमक बेचने के मुख्य आरोपी सुरलजम सिंघल समेत दो आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है. आउटर नार्थ जिले की DIU युनिट ने यह नकली टाटा नमक बरामद किया.
लॉकडाउन के दौरान पिछले 2 महीने में अब तक करीब 10 हजार किलो नकली टाटा नमक बाजार में बेचा जा चुका है. टाटा नमक कंपनी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस हरकत में आई और छापा मारा. दिल्ली पुलिस ने छापेमारी में 3000 किलो नकली टाटा नमक बरामद किया.
सप्लाई कम होने पर टाटा नमक को हुआ शक
लाकडाउन में एक टैक्सी ड्राइवर की आर्थिक हालत खराब हो गई तो उसने नकली टाटा नमक की फैक्ट्री ही खोल डाली. इस फैक्ट्री में बड़ी सफाई से नकली टाटा नमक को असली रूप में तैयार किया जाता था.
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नकली टाटा नमक में हुबहू असली टाटा नमक जैसी पैकेजिंग और QR कोड छापकर लॉकडाउन में बेचा जा रहा था.
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पुलिस के मुताबिक टाटा कंपनी को लॉकडाउन के दौरान शक हुआ कि उनके प्रोडक्ट की दिल्ली में खपत हाल में कम हो रही है, तब नमक के कुछ सैंपल्स को चेक किया गया तो चेकिंग में खुलासा हुआ कि नकली टाटा नमक हूबहू असली पैकेजिंग और QR कोड बनाकर बाजर में बेचा जा रहा है.
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टाटा कंपनी ने असली पैकेजिंग और नकली पैकेजिंग की पहचान करनी शुरू की तो पाया कि आरोपियों ने हूबहू पैकेजिंग तो की ही थी, नकल के पैकेट पर बने फोटो भी हूबहू छाप रखे थे. लेकिन जैसे ही नकली QR कोड को स्कैन किया गया तो माजरा साफ हो गया, क्योंकि नकली QR कोड गूगल पर एरर दिखा रहा था.
जबकि असली QR कोड सीधे टाटा कंपनी की बेवसाइट पर ले जा रहा था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई और तब जाकर पुलिस ने कार्रवाई की.
दिल्ली पुलिस ने छापेमारी के दौरान पूरी की पूरी फैक्ट्री पकड़ी जिसमें पैकेजिंग से लेकर कंपनी का फर्जी स्टिकर वगैरह सब लगाया जा रहा था.