
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में एक बेहद बुरा दौर देखने को मिला. ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में बेड की कमी और श्मशान में लगती लंबी कतारें देखकर हर कोई परेशान था. ऐसे में अब दूसरी लहर कुछ शांत होती दिखाई दे रही है, लेकिन खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. माना जा रहा है कि दूसरी के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है. ऐसे में जहां एक तरफ एक्सपर्ट्स तीसरी लहर को लेकर अंदाजे लगा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट चिंता की सबसे बड़ी वजह बन गया है.
भारत में कोरोना वायरस का नया रूप, डेल्टा प्लस दस्तक दे चुका है. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल से अब तक देश में तकरीबन चालीस मरीज सामने आ चुके हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो डेल्टा प्लस वैरिएंट इसके पीछे मुख्य रूप से शामिल हो सकता है.
इससे पहले दूसरी लहर में उत्पात मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट पहले भारत में मिला था, जिसके बाद इसने यूरोप के कई देशों में तबाही मचाई. लेकिन डेल्टा प्लस वैरिएंट इसी साल मार्च में यूरोप में मिला था, जो बाद में अन्य देशों में फैल गया.
वहीं भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस के इस वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ कन्सर्न बताया गया है यानी ये वायरस चिंता बढ़ाने वाला है. हालांकि, बुधवार को सरकारी सूत्रों की हवाले से कहा गया कि ये WHO का मानना है कि यह अभी भी वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट ही है. वहीं अमेरिका इस वैरिएंट को एक बड़ा खतरा बता रहा है. व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची का कहना है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट, महामारी को खत्म के सभी प्रयासों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है.
उन्होंने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अमेरिका में आने वाला कोरोना के नए मामलों में से डेल्टा प्लस का शामिल होना भी एक बड़ी वजह है. हालांकि इन सभी बातों में एक्सपर्ट्स यह भी मान रहे हैं कि तीसरी लहर में यह वैरिएंट मुख्य कारक हो सकता है.
लगातार रूप बदल रहा कोरोना वायरस
कोरोना वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है और बार-बार म्यूटेट हो रहा है. कोरोना का भारत में जो डेल्टा वैरिएंट मिला था, ये डेल्टा प्लस उसी वैरिएंट से म्यूटेट होकर निकला है. तकनीकी तौर पर इसे B.1.617.2.1 या AY.1 नाम दिया गया है.
बताया जा रहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट पिछले सभी वैरिएंट से खतरनाक है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना का यह डेल्टा प्लस वैरिएंट वैक्सीन और इम्युनिटी, दोनों को चकमा दे सकता है.
हालांकि डॉ. गुलेरिया का कहना है कि भारत में अभी इस वैरिएंट का प्रसार सीमित है, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस समेत दूसरे वैरिएंट के मद्देनजर अगले 6 से 8 हफ्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन और कोविशील्ड असरदार है और वैक्सीनेशन के बाद अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है.
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