
कोरोना संकट और लॉकडाउन से खस्ताहाल देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की कवायद जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चरणबद्ध तरीके से अलग-अलग सेक्टर्स के लिए राहत की घोषणाएं कर रही हैं और आज उन्होंने ऐलान किया कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार को राहत पैकेज से जुड़ी अपनी लगातार दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बड़ी संख्या में अपने राज्य लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार सहायता करेगी. प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा. 50 फीसदी तक रजिस्ट्रेशन बढ़ गया है.
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उन्होंने कहा कि 13 मई तक 14.62 करोड़ लोगों को काम दिया जा चुका है. अब तक इस समय तक करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
वित्त मंत्री ने बताया कि कल तक 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में 2.33 करोड़ लोगों को काम दिया गया है. पिछले साल मई की तुलना में इस बार 40 से 50 फीसदी ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इस तरह से पिछले साल की तुलना की जाए तो मजदूरों की दिहाड़ी मजदूरी में भी इजाफा हुआ है. पिछले साल 182 दिहाड़ी मजदूरी थी जो इस साल बढ़कर 202 रुपये हो गई.
उन्होंने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों को काम देने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि मॉनसून में मनरेगा के तहत काम कराने की योजना पर काम चल रहा है. मॉनसून में पौधरोपण, हॉर्टिकल्चर और अन्य चीजों के जरिए काम दिया जाएगा.
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इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज को लेकर अपनी दूसरी पीसी में कहा कि शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकारों को आपदा फंड का इस्तेमाल करने की इजाजत मिलेगी ताकि उन्हें भोजन और आवास मुहैया कराया जा सके.
उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र से राज्यों को पैसा भेजा जाता है, शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में तीन वक्त का खाना पूरी तरह से केंद्र सरकार के पैसे से दिया जा रहा है.