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Corona omicron vaccine: देश की ये कंपनी बना रही है ओमिक्रॉन को मात देने वाली वैक्सीन, फेज 2 का ट्रायल पूरा

देसी कंपनी Gennova Biopharma कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को ध्यान में रखकर वैक्सीन बना रही है. यह भारत की पहली mRNA vaccine है.

Gennova Biopharma का दावा, वैक्सीन ओमिक्रॉन पर असरदार Gennova Biopharma का दावा, वैक्सीन ओमिक्रॉन पर असरदार
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST
  • Gennova Biopharma ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी मांगेगी
  • यह भारत की पहली mRNA vaccine है

ओमिक्रॉन संकट के बीच एक उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी है. भारत की पहली mRNA vaccine कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन पर भी असरदार हो सकती है. इसके निर्माण का काम जारी है और फिर ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी मांगी जाएगी. बता दें कि जेनोवा बायोफार्मा (Gennova Biopharma) नाम की कंपनी भारत की पहली mRNA वैक्सीन बना रही है.

जानकारी के मुताबिक, Gennova Biopharma ने इंडियन ड्रग्स रेगुलेटरी अथॉरिटी DCGI के पास फेज 2 के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा जमा कर दिया है. कंपनी मुख्य तौर पर ऐसी वैक्सीन तैयार करने में जुटी है जो ओमिक्रॉन पर असरदार हो.

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कंपनी ने फेज-3 के ट्रायल के लिए लोगों को चुन भी लिया है. अब ट्रायल के डेटा को जल्द ही भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) देखेगी. फिर इसकी प्रभावकारिता और इम्युनोजेनेसिटी की जांच इंसानों को लगाकर की जाएगी.

देश में 9 हजार के करीब ओमिक्रॉन के केस

दुनिया के दूसरे देशों के साथ-साथ भारत में भी ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मंगलवार को आए डेटा के मुताबिक, देश में अबतक ओमिक्रॉन के 8,891 मामले मिले हैं. सोमवार के मुकाबले मामलों में 8.31 फीसदी का उछाल आया है. हालांकि, कोविड के मामलों में आने वाला उछाल थोड़ा कम हुआ है. मंगलवार को 2,38,018 नए मामले आए. यह सोमवार से 20,071 कम हैं, तब कोरोना वायरस के 2,58,089 मामले आए थे.

कैसे काम करती है mRNA vaccine?

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mRNA वैक्सीन न्यूक्लिक एसिड वैक्सीन के वर्ग की होती है. इसमें बीमारी पैदा करने वाले वायरस का जेनेटिक मटेरियल इस्तेमाल किया जाता है जो कि शरीर के अंदर उसके खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता को एक्टिव करता है. Gennova Biopharma के मुताबिक, फेज 2 का ट्रायल देशभर में करीब 10-15 साइट पर हुआ था. इस स्टडी के लिए कंपनी ने DBT-ICMR क्लीनिकल ट्रायल नेटवर्क साइट का इस्तेमाल किया था.

 

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