
देशभर में कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरु हो रहा है. ऐसे में सरकार ने सोमवार को SII और भारत बायोटेक से COVID वैक्सीन की 6 करोड़ और डोज का प्रबंध करने के लिए कहा है. पहले चरण में 3 करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन श्रमिकों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. जिसमें कुल 13,00 करोड़ का खर्च आएगा.
सरकार ने ऑक्सफोर्ड COVID-19 वैक्सीन, कोविशील्ड की 1.1 करोड़ डोज, जीएसटी सहित 210 रुपये की प्रत्येक लागत के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को तैयार रखने के लिए कहा है जिसे सरकार खरीदेगी. जिसमें कुल 11,00 करोड़ रुपये का खर्च होगा. वैक्सीन का डिस्पैच मंगलवार सुबह तक शुरू होने की संभावना है. आदेश के अनुसार, कोविशील्ड की प्रत्येक खुराक की कीमत 200 रुपये रखी गई है और 10 रुपये के जीएसटी के साथ, इसकी कीमत 210 रुपये होगी। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड ने केंद्रीय उत्पाद मंत्रालय को आपूर्ति आदेश जारी कर दिया है.
उन्होंने कहा कि 1.1 करोड़ खुराक का पहला ऑर्डर 231 करोड़ रुपये का होगा. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्र सरकार पहले दौर में लगभग तीन करोड़ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्करों के टीकाकरण का खर्च वहन करेगी और सुझाव दिया कि सार्वजनिक प्रतिनिधियों, राजनेता इस प्रारंभिक अभ्यास का हिस्सा नहीं होना चाहिए राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करते हुए, मोदी ने 16 जनवरी से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान को दुनिया का सबसे बड़ा अभियान बताया.
साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए टीकाकरण पिछले तीन-चार हफ्तों से लगभग 50 देशों में चल रहा है और अब तक केवल ढाई करोड़ लोगों को टीके लगाए गए हैं, जबकि भारत का टारगेट है कि अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाना है.