
पूर्व में कच्छ राज्य (गुजरात) के महाराजा रहे प्रगमालजी तृतीय (Maharaja of Kutch, Pragmalji III) का निधन हो गया. जडेजा राजवंश के शासक, कच्छ के महाराजा प्रगमालजी तृतीय का कोरोना वायरस संबंधी जटिलताओं के कारण निधन हुआ. उनके निधन की खबर शाही परिवार के सूत्रों ने दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रविवार को शाही परिवार ने बताया है कि 85 वर्षीय महाराजा प्रगमालजी की कोई संतान नहीं थी. उनके निधन के साथ ही भूतपूर्व कच्छ राज्य के शासक की गद्दी अब खाली रहेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रगमालजी ने किसी को अपना वारिस नहीं बनाया था.
सूत्रों ने बताया कि महाराजा प्रगमालजी तृतीय का निधन शुक्रवार को हुआ था. जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार शाही परिवार के विश्राम स्थल, भुज में कोविड गाइडलाइंस के मुताबिक किया गया.
महाराजा प्रगमालजी तृतीय के परिवार में उनकी पत्नी, भाई और बहन थे. उनकी पत्नी भूतपूर्व त्रिपुरा राज्य की राजकुमारी थीं. उनका नाम महारानी प्रीति देवी है. सूत्रों के मुताबिक, महारानी भी कोरोना से संक्रमित थीं लेकिन अब वह अस्पताल से ठीक होकर घर आ गई हैं.
प्रगमालजी तृतीय का जन्म 3 मई, 1936 को हुआ था, तब उनका पृथ्वीराजजी था. वह कच्छ के शासक रहे महाराव मदनसिंहजी के बड़े बेटे थे. पिता की मृत्यु के बाद 17 अक्टूबर, 1991 में उनका अभिषेक किया गया और नाम बदलकर प्रगमालजी तृतीय रखा गया. जीवन के शुरुआती कई साल उन्होंने मुंबई और लंदन में बिताए.
प्रगमालजी तृतीय गुजरात के सबसे बड़े जिले कच्छ को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की वकालत करते थे. इस शाही परिवार के पास कई विशाल महल हैं. बॉलीवुड की “हम दिल दे चुके सनम” फिल्म की शूटिंग इनके ही एक महल में हुई थी. कच्छ के शासक ने मई 1948 में भारतीय संघ में विलय कर लिया था.