Advertisement

झारखंड: MMCH में कोरोना संक्रमित दो मरीजों की मौत के बाद हंगामा, स्वास्थ्य ​​कर्मियों ने की हड़ताल

कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद MMCH में हंगामा हो गया. स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट कर दी गई, इससे गुस्साए स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल कर दी. बाद में अपनी शर्तों पर स्वास्थ्य कर्मी काम पर वापस लौटने के लिए राजी हुए.

MMCH में हंगामे और मारपीट के बाद दहशत में आईं नर्स MMCH में हंगामे और मारपीट के बाद दहशत में आईं नर्स
सत्यजीत कुमार/करुणा करण
  • पलामू,
  • 12 मई 2021,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST
  • एक सप्ताह में तीसरी बार हुई घटना
  • गुस्साए स्वास्थ्य कर्मियों ने की हड़ताल 
  • शर्तों के साथ काम पर लौटे स्वास्थ्य कर्मी

झारखंड के पलामू स्थित मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक बार फिर कोविड-19 के दो मरीजों की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ. स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की गई और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया. घटना के बाद कुछ देर के लिए स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर रहे. बाद में सभी काम पर लौट गए. छानबीन के दौरान दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं अन्य की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.

Advertisement

बता दें पिछले 8 से 10 दिनों के दौरान एमएमसीएच के कोविड-19 वार्ड में मरीजों की मौत के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मारपीट की यह तीसरी घटना सामने आई है. लगातार इस तरह की घटना सामने आने पर जहां सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं व्यवस्था की पोल खुल रही है. वहीं बुधवार की सुबह 4 बजे एमएमसीएच के कोविड-19 वार्ड में एक-एक करके 2 अधेड़ मरीजों की मौत हो गई. एक मरीज सदर थाना क्षेत्र के बड़कागांव का रहने वाला था. उसकी उम्र करीब 50 वर्ष के आसपास थी, जबकि दूसरे मरीज की उम्र 55 वर्ष थी और वह जिले के पाटन थाना क्षेत्र के रबदी का रहने वाला था.

मरीजों की मौत के बाद उनके परिजन आक्रोशित हो गए और इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया. आरोप है कि इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट भी की गई. अस्पताल में तोड़फोड़ की गई.

Advertisement

इधर, परिजनों का आरोप है कि मरीज की हालत गंभीर थी. डॉक्टर उसके बाद भी इलाज के लिए नहीं पहुंचे थे. परेशान होकर डॉक्टरों की तलाश में सभी लोग जुटे गए, लेकिन डॉक्टर से संपर्क नहीं हो सका. इस बीच मरीज की मौत हो गई. 

परिजनों ने कहा कि जिला प्रशासन लगातार यह दावा करते आ रहा है कि एमएमसीएच के कोविड-19 की पूरी व्यवस्था सिस्टमैटिक हो गई है, जबकि इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. समय से इलाज नहीं किया जाता है और इलाज के लिए कहा जाता है, तो डॉक्टर से लेकर नर्सिंग स्टाफ लगातार लापरवाही बरतते रहते हैं. नतीजा मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो जाती है.

ये भी पढ़ें - लखनऊ: KGMU के डॉक्टर ने बताया, कोरोना संक्रमण से कैसे खुद को बचाएं

मारपीट से आहत स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. सूचना मिलने पर सदर एसडीओ राजेश शाह, सीएस डॉ. अनिल श्रीवास्तव, डीपीएम दीपक कुमार, शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार महथा मौके पहुंचे और मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने उनकी एक न सुनी.

नर्सिंग स्टाफ की ओर से बताया गया कि कोविड-19 की वजह से हर दिन मौत हो रही है. 8 दिनों के दौरान मौत के बाद हंगामा और मारपीट की यह तीसरी घटना है. ऐसी स्थिति में इलाज करना जोखिम भरा है. कोरोना संक्रमण की जो स्थिति है, उससे मरीजों की मौत निश्चित तौर पर हर दिन दो तीन की हो रही है. ऐसे में हंगामा, मारपीट और तोड़फोड़ से उन्हें भारी नुकसान पहुंचता है.

Advertisement

वहीं पलामू डीपीएम दीपक कुमार ने स्वास्थ्य कर्मियों को समझाने का प्रयास किया. इस दौरान कन्फेशन फॉर्म भरने के बाद कोविड-19 के मरीजों को भर्ती लेने की मांग की गई. सहमति बनने के बाद सारे हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारी काम पर लौट गए.

जिले के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसी घटना पिछले 8-10 दिनों में तीन बार हो चुकी हैं. परिजनों को नियंत्रित रहना चाहिए. हम और हमारा पूरा स्टाफ इस पूरे प्रयास में लगा है कि इस महामारी से किसी की मौत नहीं हो.

ये भी पढ़ें

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement