
कोरोना की इस दूसरी वेव ने पूरे देश में तहलका मचा रखा था. चारों तरफ से अव्यवस्थाओं की खबरें आ रही थीं. ऐसे में सीएम योगी ने कोरोना के साथ अपनी व्यक्तिगत जंग निपटाने के बाद, यानी कोरोना निगेटिव होने के बाद एक बार फिर मैदान में उतर कर मोर्चा संभाला. जिसके बाद यूपी की स्थिति काफी हद तक संभलती नजर आने लगी. हालांकि अब वायरस का संक्रमण भी लगातार धीमा होता नजर आ रहा है. नए केसों की संख्या कम होती जा रही है.
सीएम योगी के ताबड़तोड़ दौरों की सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है. ऐसे में हमने यह जानने की कोशिश की देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के काम करने का अंदाज कैसा है. क्या वे लोग भी योगी आदित्यनाथ की तरह जमीनी हकीकत पता करने के लिए दौरे कर रहे हैं या फिर वर्चुअली सबकुछ मॉनिटर कर रहे हैं.
जानकारी करने पर पता चला कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अक्सर कोविड अस्पतालों और अन्य कोविड सेंटर्स का दौरा करते रहे हैं. मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान भी लगातार दौरे कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने जबलपुर और ग्वालियर का दौरा किया था. आज उनका उज्जैन दौरा था. इससे पहले वो बीना और सीहोर भी जा चुके हैं.
हरियाणा की बात करें तो सीएम मनोहर लाल खट्टर भी लगातार बाहर निकल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी लगातार बाहर निकल कर जायजा ले रहे हैं. जबकि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह वर्चुअली ही सबकुछ मॉनिटर कर रहे हैं. इसी तरह बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी लॉकडाउन की घोषणा के बाद से घर से बाहर नहीं निकले हैं. हाल ही में उन्होंने भी वर्चुअली मीटिंग में कोविड सेंटर्स का हाल जानने की कोशिश की थी.
अब अगर हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों वाले राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु में मुख्यमंत्री स्टालिन खुद और उनके मंत्री लगातार कोरोना सेंटर्स का दौरा कर जमीनी हकीकत जानने की और लोगों की दिक्कतें दूर करने की कोशिशें कर रहे हैं. ठीक इसी तरह असम में हेमंता बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कई जिलों और अस्पतालों का दौरा किया और कोरोना से चल रही जंग की तैयारियों का जायजा लिया. आज ही उन्होंने गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज का भी दौरा किया था.
वहीं पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सीएम की कुर्सी पर कब्जा जमाने वाली ममता बनर्जी ने शपथ ग्रहण के बाद एक-दो कोविड सेंटरों का दौरा जरूर किया लेकिन ऐसा नहीं है कि वो योगी आदित्यनाथ की तरह लगातार बाहर निकल रही हों. ठीक इसी तरह केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी बाहर निकल कर जमीनी हकीकत आंकने से दूर हैं वो भी सीएम आवास से वर्चुअली सबकुछ मॉनिटर करते हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में पता करने पर पता चला कि वो भी कोरोना काल में फिजिकल दौरे के बजाय वर्चुअल कामकाज को ही प्राथमिकता देते हैं. ठीक इसी तरह महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी विषम परिस्थितियों के बावजूद वर्चुअली मॉनिटरिंग के जरिए ही कोरोना संक्रमण की रफ्तार थामी और ऑक्सीजन की कमी को दूर किया. जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जरूरत के मुताबिक अस्पतालों का निरीक्षण करते रहते हैं.
गुजरात की बात करें तो मुख्यमंत्री विजय रुपाणी कोरोना से निपटने के लिए दोनों तरीके अपनाते हैं, वर्चुअली के अलावा वो कई बार बाहर निकल कर भी जायजा लेते रहते हैं. हाल ही में उन्होंने बनासकांठा, पंचमहल, जामनगर, भावनगर और पाटन का दौरा किया था. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी कोविड सेंटर्स का दौरा कम ही करते हैं.
इसके अलावा नॉर्थ-ईस्ट के अन्य राज्यों में मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा, त्रिपुरा के सीएम बिप्लव कुमार देब, नागालैंड के सीएम नीफिउ रियो अक्सर अस्पतालों का दौरा कर कोरोना से निपटने की तैयारियों का जायजा लेते रहते हैं.
(इनपुट: दिल्ली से पंकज जैन, भोपाल से रवीश पाल सिंह, चंडीगढ़ से मनजीत सहगल, पटना से उत्कर्ष सिंह, चेन्नई से प्रमोद माधव, गुवाहाटी से हेमंथा नाथ, कोलकाता से अनुपम मिश्र, तिरुवनंतपुरम से गोपीकृष्णन, जयपुर से शरत कुमार, मुंबई से साहिल जोशी, रायपुर से महेंद्र नामदेव, गुजरात से गोपी घांघर और देहरादून से दिलीप सिंह राठौर)