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कोरोना: भारत बायोटेक ने शुरू किया नेसल वैक्सीन का ट्रायल, शॉर्टलिस्ट किए गए 10 लोग

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने नेसल वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज़ दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है.

नेसल वैक्सीन का ट्रायल शुरू (फाइल फोटो) नेसल वैक्सीन का ट्रायल शुरू (फाइल फोटो)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद ,
  • 05 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST
  • नेसल वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ
  • भारत बायोटेक ने शुरू किया ट्रायल

कोरोना वायरस के खिलाफ देश में वैक्सीनेशन का काम जारी है. अब इस मिशन में एक और कामयाबी मिली है. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने नेसल वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है. इस वैक्सीन के जरिए नाक के जरिए डोज़ दी जाएगी, जो कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है.

साल की शुरुआत में ही भारत बायोटेक ने फेज़ 1 ट्रायल के लिए मंजूरी मांगी थी, जिसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से मंजूर कर दिया गया था.

अब इसी हफ्ते के शुरुआत में हैदराबाद के एक अस्पताल में इंट्रानेसल वैक्सीन (BBV154) का ट्रायल शुरू कर दिया गया. इस ट्रायल के लिए दस लोगों को शॉर्ट लिस्ट किया गया है, जबकि दो लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. भारत बायोटेक के मुताबिक, जिन दो लोगों को वैक्सीन दी गई है वह बिल्कुल स्वस्थ हैं.

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ये पढ़ें: क्यों दुनिया को है कोरोना की नेजल स्प्रे वैक्सीन का इंतजार, जानिए कितनी कारगर होती है ऐसी वैक्सीन?

बता दें कि अगर नेसल वैक्सीन का ट्रायल पूरी तरह सफल होता है, इसे मंजूरी मिल सकती है तो कोरोना वायरस के खतरे को रोकने में ये काफी कारगर साबित होगा. क्योंकि ये वैक्सीन नाक से दी जाती है, ऐसे में अधिक कारगर होने की उम्मीद है. भारत बायोटेक के जरिए बनाई जा रही इस कोरो-फ्लू के जरिए सिर्फ एक ड्रॉप में ही काम हो जाएगा.

भारत बायोटक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर Nasal वैक्सीन पर रिसर्च कर इसे तैयार किया है. जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन को देने में किसी तरह की सुई का प्रयोग नहीं करना पड़ता है. साथ ही इसके लिए किसी तरह के ट्रेंड हेल्थ वर्कर की जरूरत भी नहीं है.

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नेजल वैक्सीन के 5 फायदे-
1. इंजेक्शन से छूटकारा.
2. नाक के अंदरूनी हिस्सों में इम्युन तैयार होने से सांस से संक्रमण का खतरा घटेगा.
3. इंजेक्शन से छुटकरा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं.
4. कम खतरा होने से बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की सुविधा संभव. 
5. उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव.

गौरतलब है कि भारत में अभी दो वैक्सीन को मंजूरी दी गई है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भारत में अभी वैक्सीन मुहैया करा रहे हैं. दोनों ही वैक्सीन की दो डोज़ दी जाती हैं, जो 28 दिनों के अंतर में दी जानी है. 


 

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