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जनता कर्फ्यू को 1 साल: कोरोना के खौफ के बीच जब PM मोदी की एक अपील से रुक गया था देश

पीएम मोदी की इस अपील का असर ये हुआ था कि 24 घंटे के लिए पूरे देश में सन्नाटा पसरा था, शहर हो या गांव, सोसाइटी हो या दफ्तर, हर जगह सिर्फ सन्नाटा ही था. आज इस ‘जनता कर्फ्यू’ को पूरा एक साल हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले किया था जनता कर्फ्यू का ऐलान (फाइल फोटो: PIB) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले किया था जनता कर्फ्यू का ऐलान (फाइल फोटो: PIB)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST

‘’...आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं, ये है जनता कर्फ्यू… यानी जनता के लिए… जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू...’’

साल 2020 के शुरुआत में देश और दुनिया जब कोरोना काल से लड़ने की तैयारियों में जुटी थीं, तब बीते साल 19 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 135 करोड़ देशवासियों से ये अपील की गई थी. पीएम मोदी की इस अपील का असर ये हुआ था कि 24 घंटे के लिए पूरे देश में सन्नाटा पसरा था, शहर हो या गांव, सोसाइटी हो या दफ्तर, हर जगह सिर्फ सन्नाटा ही था. आज इस ‘जनता कर्फ्यू’ को पूरा एक साल हो गया है.

बीते साल 30 जनवरी को भारत में कोरोना वायरस का पहला केस सामने आया था, तब किसी को पता नहीं था कि ये बीमारी कैसी है और कब-तक खत्म होगी. देखते ही देखते जब कोरोना वायरस ने रौद्र रूप लिया, तब मार्च में जाकर केंद्र सरकार ने सख्त फैसले उठाने शुरू किए. इसी कड़ी में सबसे पहले 22 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू लगाया गया था.

इस जनता कर्फ्यू के तहत सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक हर किसी को अपने घरों में कैद रहना था, कोई बाजार, कोई दुकान, कोई सार्वजनिक वाहन, कोई दफ्तर, कोई स्कूल या कॉलेज, सबकुछ बंद कर दिया गया था. हालांकि, बेहद जरूरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को काम पर जाने की छूट दी गई थी. 

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जनता कर्फ्यू के दिन पसरा था सन्नाटा (फोटो: PTI)


क्या कहा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने?
जनता कर्फ्यू 22 मार्च 2020 यानी रविवार को लगाया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च 2020 को रात आठ बजे देश को संबोधित किया था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खतरे को सामने रखा था और हर किसी से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करने की अपील की थी.

जनता कर्फ्यू के साथ हुई थी ये खास अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से जनता कर्फ्यू के साथ-साथ एक और खास अपील की थी. 22 मार्च को शाम 5 बजकर 5 मिनट पर अपने घरों की बालकनी पर खड़े होकर ताली, थाली बजाने की अपील की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्यकर्मी, कोरोना वॉरियर्स को सलाम किया जाए और ताली-थाली बजाकर उन्हें सैल्यूट किया जाए. 

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पीएम मोदी ने दिया था सड़क पर ना निकलने का मंत्र (फोटो: PTI)


जनता कर्फ्यू में क्या-क्या बंद हुआ था?
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया, तब देश के कई संस्थानों ने पीएम की अपील के साथ कदमताल किया. भारतीय रेलवे, दिल्ली मेट्रो, सभी एयरलाइंस, मॉल, मूवी थियेटर्स, ट्रांसपोर्ट्स सर्विस ने भी जनता कर्फ्यू का समर्थन किया और 22 मार्च के लिए अपनी सर्विस को पूरी तरह से बंद कर दिया था. 

क्या हुआ था पीएम मोदी की अपील का असर
कोरोना तब नया था और किसी को इसके असर का पता नहीं था, ऐसे में जब पीएम मोदी ने लोगों से जनता कर्फ्यू के पालन की अपील की तो इसका पूरे देश में व्यापक असर देखने को मिला. दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे बड़े शहर ही नहीं बल्कि देश का हर गांव, कस्बा, गली और मोहल्ला इस जनता कर्फ्यू का हिस्सा बना.

हर जगह एक सन्नाटा पसरा हुआ था, क्योंकि तब हर किसी को लगा था कि ये सिर्फ एक दिन की कहानी है. ऐसे में रविवार का दिन होने के कारण भी लोगों को घरों में रहने की आसानी हुई थी. सुबह 7 बजे शुरू हुआ जनता कर्फ्यू रात के नौ बजे तक चला था. 

इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने जो थाली-ताली बजाने की अपील की थी, उसका असर भी देखने को मिला था. बड़ी संख्या में लोग अपने घरों की बालकनी, मेन गेट के बाहर तालियां बजाने और थालियां बजाने के लिए आए थे. फिर चाहे वो झोपड़ी में रहने वाला कोई गरीब व्यक्ति हो या फिर कोई बॉलीवुड का सुपरस्टार. 

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बड़ी संख्या में लोगों ने बजाई थी थालियां (फोटो: PTI)


लंबे वक्त तक सोशल मीडिया पर इस जनता कर्फ्यू और थाली-ताली बजाने की तस्वीरें, वीडियो और अलग-अलग अंदाज वायरल भी हुए थे.

जनता कर्फ्यू के बाद क्या हुआ था?
बता दें कि 22 मार्च के जनता कर्फ्यू के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को एक बार फिर देश को संबोधित किया था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू के पालन की तारीफ की थी, लेकिन इसी के साथ ही देश में 21 दिनों के पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था. यानी लोगों को पूरे 21 दिन अपने घरों में रहना था, ना कोई कहीं आ सकता था और ना ही कोई कहीं जा सकता था. सबकुछ बंद यानी पूरा देशबंद.

अब फिर लौट रहा है कोरोना?
ठीक एक साल पहले जब जनता कर्फ्यू लगाया गया था, तब भारत में कोरोना वायरस के कुल 330 मामले थे. और तब ये रफ्तार भी डराने वाली लग रही थी. अब एक साल बाद भारत में कोरोना वायरस के मामले फिर उछाल मार रहे हैं. जो केस हर रोज 15 हजार के करीब पहुंच गए थे, अब फिर से एक दिन में 40 हजार के करीब मामले आ रहे हैं जो हर किसी को डरा रहे हैं. देश के कई हिस्सों में राज्य सरकारों ने चिन्हित शहरों में फिर से लॉकडाउन का रुख कर लिया है. 

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