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झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर सबकी चिंता बढ़ा दी है. बुधवार को राज्य में 344 मरीज मिले हैं यानी कोरोना विस्फोट हुआ है. रांची में कोरोना के 118 नए मरीज मिले है. रांची के बाद सबसे ज्यादा मरीज कोडरमा में 56 मिले है. राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 952 हो गई है. दिसंबर की शुरुआत तक संक्रमण की रफ्तार काफी कम थी और एक्टिव केस बढ़कर भी सिर्फ 93 तक पहुंचे थे. लेकिन कुछ ही दिनों में ये आंकड़ा 1000 के आस पास जा पहुंचा है. बीते 5 दिनों में मामले काफी रफ्तार से बढ़ी है. तीन-चार दिन पहले कोरोना के 50 से 60 मामले आये, उसके बाद सोमवार और मंगलवार को ये आंकड़ा अचानक 150 से 160 के बीच आने लगा. यानी एक दिन का स्पाइक ही तीन गुना दर्ज होने लगा. बुधवार को अचानक एक ही दिन में ये 344 हो गया है.
'मरीज बढ़ें तो चलाई जाए मास टेस्टिंग ड्राइव'
स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि जिस भी जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक हो वहां पर मास टेस्टिंग ड्राइव चलाई जाये. वैसे ही शहर, प्रखंड और इलाके को चिन्हित करते हुए अधिक से अधिक लोगों की जांच की व्यवस्था सुनिश्चित करें. संक्रमित मिलने वाले मरीजों की इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करें. टेस्ट, ट्रैक, आइसोलेट, ट्रीट और वैक्सीनेशन पर भी सभी उपायुक्त जोर दें.
राज्य में नहीं है जीनोम सिक्वेंसिंग लैब
सबसे दुखद बात ये है कि यहां अभी तक जीनोम सिक्वेंसिंग लैब नहीं है , इसलिए ये संशय है कि कोविड के मामले कहीं ओमिक्रोन वैरिएंट के तो नही हैं. सैंपल ओडिशा भेजे जा रहे हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया है कि जल्द ही जीनोम सिक्वेंसिंग लैब की स्थापना रिम्स में की जाएगी. रेस्ट्रिक्शन्स को लेकर भी समीक्षा बैठक होगी. 30 दिसंबर 2021 को राज्य आपदा प्रबंधन समिति की बैठक होने वाली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यह बैठक प्रस्तावित है. ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरों को देखते हुए झारखंड सरकार कई पाबंदियां लागू कर सकती है. दिल्ली की तरह यहां भी स्कूल, कॉलेज आदि बंद हो सकते हैं. नए साल की पार्टी पर भी पाबंदी लग सकती है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है.
RIMS में 500 से अधिक बेड तैयार
बढ़ते मामलों को देखते हुए रिम्स और सदर ने पूरी तैयारी कर ली है. रिम्स 500 से अधिक बेड के साथ पूरी तरह तैयार है, वहीं जिला सदर अस्पताल में भी 240 से अधिक बेड तैयार हैं. रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप ने कहा कि न्यू ट्रामा सेंटर में वेंटीलेटर के साथ 100 बेड पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ती है तो हम जल्द ही बेड की संख्या बढ़ाकर 1000 तक कर सकते हैं. डॉ विवेक ने कहा कि हमारे पास दवाओं का भी पर्याप्त स्टॉक है और हमारी तैयारी पूरी है. वहीं, रांची सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल में 240 बेड कोरोना के मरीजों के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इसके अलावा दवाई, ऑक्सीजन और मैनपावर की भी कमी नहीं हैं. ओमिक्रॉन के फैलाव को देखते हुए रिम्स में अस्थायी कोविड वार्ड को फिर से तैयार किया गया है. यहां 111 बेड तैयार रखे गए हैं. रिम्स की मल्टी लेवल पार्किंग में बनाए गए इस अस्थायी कोविड वार्ड में सभी बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड हैं.
ताकि आपात स्थिति से निपटा जा सके. वहीं कोरोना के गंभीर संक्रमित मरीजों का इलाज न्यू ट्रामा सेंटर में किया जाएगा. इन दोनों जगह के फुल हो जाने के बाद रिम्स के मेडिसीन सहित अन्य वार्डों में मरीजों को भर्ती किया जाएगा. रिम्स के ट्रामा सेंटर हेड डॉ प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि केस तेज़ी से बढ़े हैं और अब मरीज़ों का अस्पताल में आना शुरू हो चुका है.