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संक्रमित हो चुके बच्चों का पीछा नहीं छोड़ रहा वायरस, 46% लॉन्ग कोविड के शिकार

Long Covid in Children: कोरोना का संक्रमण ठीक होने के बाद भी महीनों तक पीछा नहीं छोड़ रहा है. एक स्टडी में सामने आया है कि कोरोना संक्रमित हो चुके कई बच्चों में दो महीने बाद भी कम से कम एक लक्षण बना रहता है.

बड़ों की तरह ही बच्चे भी लॉन्ग कोविड की समस्या से जूझ रहे हैं. (फाइल फोटो) बड़ों की तरह ही बच्चे भी लॉन्ग कोविड की समस्या से जूझ रहे हैं. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST
  • लॉन्ग कोविड का शिकार हो रहे छोटे बच्चे
  • दो महीने बाद भी बने हुए हैं कई लक्षण

Long Covid in Children: कोरोना के संक्रमण से ठीक तो हो जा रहे हैं, लेकिन ये पूरी तरह भाग नहीं रहा है. अब तक हुई कई स्टडीज में लॉन्ग कोविड की बात सामने आ चुकी है, लेकिन अब एक ऐसी स्टडी हुई है, जिसमें सामने आया है कि लॉन्ग कोविड बच्चों का पीछा भी नहीं छोड़ रहा है. 

ये स्टडी साइंस जर्नल लैंसेट ने की है. इस स्टडी के मुताबिक, संक्रमण से ठीक होने के बाद भी 46 फीसदी बच्चों में लॉन्ग कोविड के लक्षण दिख रहे हैं. स्टडी में सामने आया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कम से कम दो महीनों तक लॉन्ग कोविड के लक्षण दिख रहे हैं.

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ये स्टडी डेनमार्क में 14 साल तक के बच्चों पर हुई है. इस स्टडी में 11 हजार से ज्यादा ऐसे बच्चों को शामिल किया था, जो कोरोना संक्रमित हो चुके थे. इनके अलावा 33 हजार से ज्यादा उन बच्चों को शामिल किया गया था, जिन्हें कभी कोरोना नहीं हुआ था. इस सर्वे में लॉन्ग कोविड के 23 लक्षणों को लेकर सवाल किया गया था.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कोरोना से ठीक होने के बाद भी अगर कम से कम दो महीने तक एक भी लक्षण बना रहता है, तो उसे लॉन्ग कोविड माना जाता है.

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स्टडी में सामने आया कि 3 साल तक के बच्चों में मूड स्विंग्स, चकत्ते पड़ना और पेट में दर्द जैसी समस्या बनी हुई थी. जबकि, 4 से 11 साल की उम्र बच्चों में मूड स्विंग्स, ध्यान नहीं लगा पाना और चकत्ते पड़ने जैसी समस्या थी. वहीं, 12 से 14 साल की उम्र के बच्चे थकान, मूड स्विंग्स और ध्यान नहीं लगा पाने की समस्या से जूझ रहे थे.

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स्टडी के मुताबिक, 3 साल तक के 40 फीसदी बच्चे ऐसे थे, जिन्हें दो महीने और उससे ज्यादा समय तक लॉन्ग कोविड के लक्षण थे. 4 से 11 साल की उम्र के 38 फीसदी बच्चों में लॉन्ग कोविड बना हुआ था. वहीं, 12 से 14 साल के 46 फीसदी बच्चों में दो महीने या उसके बाद भी लक्षण थे.

स्टडी में बताया गया है कि बच्चों में आमतौर पर मूड स्विंग्स, थकान, सिरदर्द और पेट दर्द जैसी समस्या बनी रहती है, लेकिन जिन बच्चों को कोरोना नहीं हुआ था, उनमें ये समस्या कुछ ही दिन के लिए रहती है, जबकि जो बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके थे, उनमें ये समस्या ज्यादा लंबे समय तक बनी रहती है. 

रिसर्चर्स का कहना है कि कोरोना से संक्रमित हुए एक तिहाई बच्चों में अब ऐसी समस्याएं भी दिख रहीं हैं, जो कोरोना के आने से पहले नहीं होती थी.

 

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