
भारत में कोरोना के बूस्टर डोज की अनुमति को लेकर आज फैसला हो सकता है. सीरम इंस्टीट्यूट की अर्जी पर शुक्रवार दोपहर से एक्सपर्ट कमेटी की बैठक जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि वैक्सीनेशन को लेकर देश में दो एक्सपर्ट ग्रुप काम कर रही है जो हमें वैक्सीनेशन को लेकर सलाह देती है. समय-समय पर हम ग्रुप से वैक्सीनेशन और इससे जुड़े मुद्दों पर सलाह भी लेते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत में 86 फीसदी लोगों को फर्स्ट डोज लगाया जा चुका है जो एक रिकॉर्ड है जबकि 7 करोड़ डोज केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के पास पड़ी हैं. यूएस में अब तक 71 फीसदी जबकि फ्रांस में 80 फीसदी लोगों को फर्स्ट डोज लगाया गया है.
नए वैरिएंट पर वैक्सीन के प्रभाव को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नया वैरिएंट अब तक 50 देशों में पाया जा चुका है. नए वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन के असर का पता लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि देश में जीनोम सिक्वेंसिंग के 36 लैब हैं, जहां 36 हजार जीनोम सिक्वेंसिंग की जा सकती है.
बता दें कि भारत में भी कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे को देखते हुए 40 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज की सिफारिश की गई है. यह सिफारिश टॉप इंडियन जीनोम साइंटिस्ट की ओर से हुई है. यह सिफारिश भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) ने अपने साप्ताहिक बुलेटिन में की. INSACOG कोरोना के जीनोमिक वेरिएशन को मॉनिटर करने के लिए भारत सरकार द्वारा नेशनल टेस्टिंग लैब का नेटवर्क बनाया गया है.
क्या है सिफारिश?
INSACOG ने अपने बुलेटिन में कहा, सभी अन-वैक्सीनेटेड लोगों को वैक्सीन और 40 साल से ऊपर के लोगों को बूस्टर डोज लगाने पर विचार किया जा सकता है. सबसे पहले मोस्ट हाई रिस्क वालों को पहले प्राथमिकता देनी चाहिए. यह सिफारिश ऐसे वक्त पर आई, जब लोकसभा में हाल ही में कोरोना पर चर्चा के दौरान सांसदों ने बूस्टर डोज की मांग की थी.
वहीं, ASSOCHAM सीएसआर काउंसिल के चेयरमैन अनिल राजपूत ने कहा, ओमिक्रॉन वैरिएंट में म्यूटेशन ज्यादा है और यह ज्यादा संक्रामक भी है. ऐसे में वैक्सीन की गति में तेजी लाने की जरूरत है और बूस्टर डोज की भी आवश्यकता है.
ब्रिटेन में तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामले
ब्रिटेन में गुरुवार को 249 और मामलों की पुष्टि होने के बाद ब्रिटेन में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के कुल मामलों की संख्या 817 हो गई है. यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने कहा कि अगर ग्रोथ और डबलिंग रेट पिछले दो हफ्तों के मुताबिक बरकरार रहती है तो अगले दो से चार सप्ताह में 50 प्रतिशत नए कोरोना के मामले ओमिक्रॉन के चलते होंगे.
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पहले ही ओमिक्रॉन वेरिएंट के डबल होने की आशंका पर मास्क के उपयोग, वर्क फ्रॉम होम और कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया था. यूकेएचएसए के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ सुसान हॉपकिन्स ने कहा कि यह लगातार स्पष्ट हो रहा है कि ओमिक्रॉन अधिक संक्रामक है. इसे रोकने और इसके प्रभाव को कम करने के लिए हम जो भी कर सकते हैं, करें और करते रहें. उन्होंने कहा कि नए वेरिएंट से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी और महत्वपूर्ण है.