
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की किल्लत को लेकर मेदांता के चेयरमैन-एमडी डॉ. नरेश त्रेहन का कहना है कि हमें प्रोडक्शन बढ़ाना होगा क्योंकि हमारी आबादी ज्यादा है. उन्होंने कहा, "हम वैक्सीन का मैनुफैक्चरिंग हब हैं. ऑलरेडी हर महीने 7 से 8 करोड़ डोज बन रहे हैं, लेकिन इसे और बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि हमारी आबादी बहुत ज्यादा है. हर्ड इम्युनिटी तक पहुंचने के लिए हमें 60 से 70 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने की जरूरत है."
हाल ही में केंद्र सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते किया है. इसके पीछे तर्क है कि ज्यादा गैप से वैक्सीन ज्यादा प्रभावी हो जाती है. इस पर डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि "फुल इम्युनिटी के लिए वैक्सीन के दो डोज के बीच का गैप 6 हफ्ते या ज्यादा से ज्यादा 8 हफ्ते करना बेहतर है."
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उन्होंने कहा, "ब्रिटेन में वैक्सीन के दो डोज के बीच का गैप 12 हफ्ते तक बढ़ा दिया गया और भारत ने भी उसे ही अपनाया. लेकिन अब यूके में हुई स्टडी में पता चला है कि B.1.617 वैरिएंट के लिए वैक्सीन का एक डोज काफी नहीं है, इसलिए उसने फिर से दो डोज के बीच के अंतर को कम कर 8 हफ्ते कर दिया है."
डॉ. नरेश त्रेहन कहते हैं, "कई नई वैक्सीन आ रही हैं और उम्मीद है कि जुलाई-अगस्त तक वैक्सीन की कमी दूर हो जाएगी. इस साल के आखिर तक हम 60 करोड़ लोगों को दोनों डोज लगा देने में सक्षम होंगे."