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देश के तमाम राज्यों की तरह ही झारखंड में भी तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है. इसको लेकर झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक हुई जिसमें राज्य सरकार ने संक्रमण के दर और रफ्तार पर रोक लगाने के लिए कई सख्त कदम उठाने का फैसला किया है.
स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अरुण सिंह ने 3 दिसंबर को ही हालात पर चिंता जताते हुए आपदा प्रबंधन विभाग को कुछ सख्त फैसले लेने का सुझाव दिया था. इन सुझावों में स्कूल और शिक्षण संस्थान को बंद रखने समेत कई बातों का जिक्र था.
झारखंड में अब क्या खुला और क्या बंद रहेगा
बैठक के बाद झारखंड सरकार ने स्टेडियम, पार्क ,जिम, जू, स्विमिंग पूल ,पर्यटन स्थल को अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला किया है. इसके अलावा सभी शिक्षक संस्थान भी बंद रहेंगे और प्रशासनिक कार्य भी 50% क्षमता के साथ ही किए जाएंगे.
हेमंत सरकार ने धार्मिक स्थलों को भी अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला किया है. बाजार 8 बजे तक ही खुले रहेगें. हालांकि दवाई दुकानों, बार रेस्टोरेंट को इससे छूट दी गई है. अभी राज्य सरकार ने नाइट कर्फ्यू पर कोई फैसला नहीं लिया है. हाट बाजार चालू रहेगें.
झारखंड में अब शादी, अंत्येष्टि में 100 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत होगी. मॉल, बैंक्वेट हॉल 50% क्षमता के साथ काम करेंगे. फिलहाल ये आदेश 15 जनवरी तक लागू होंगे जिसे जरूरत के हिसाब से बाद में बढ़ाया भी जा सकता है.
राज्य में बीते 7 दिनों में संक्रमण और सक्रिय मामले 3900 तक पहुंच गए हैं. दिसंबर के शुरुआत में सक्रिय मामले 100 से भी नीचे थे. बीते 2 दिनों में 1000 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं.
रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने भी कहा है कि ये ओमिक्रॉन का ही प्रभाव लगता है. राज्य में अभी भी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब नहीं है. यहां कोरोना ग्रोथ रेट लगभाग 3 प्रतिशत है. झारखंड में 77 प्रतिशत लोगों को पहला डोज और महज 47 प्रतिशत लोगों को ही दूसरा डोज लग पाया है.
बैठक के बाद आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया जो भी निर्णय लिया गया है वो राज्य में कोरोना के संक्रमण को रोकने और लोगों के हित में लिया गया है.
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