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कोरोना वॉरियर्स के लिए मोदी सरकार का नया अध्यादेश, ये हैं अहम बातें

बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कोरोना वॉरियर्स और हेल्थ वर्कस की सुरक्षा को लेकर नए अध्यादेश लाया गया. सरकार ने कहा कि देश में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा को लेकर सरकार लाई नया अध्यादेश (फाइल फोटो-PTI) कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा को लेकर सरकार लाई नया अध्यादेश (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

  • डॉक्टरों पर हमला करने वालों की अब नहीं खैर
  • मोदी कैबिनेट ने पास किया अध्यादेश
  • 7 साल तक की सख्त सजा का प्रावधान

कोरोना वॉरियर्स पर हो रहे हमले को लेकर मोदी सरकार सख्त हो गई है. बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कोरोना वॉरियर्स और हेल्थ वर्कस की सुरक्षा को लेकर नए अध्यादेश लाया गया. मोदी सरकार ने कहा कि देश में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही हैं. सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी. सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है. इसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

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आइए जानते हैं अध्यादेश के बारे में

- सरकार की ओर से महामारी रोग अधिनियम में संशोधन के लिए नया अध्यादेश लाया गया है.

- अब कोरोना वॉरियर्स पर का हमला गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा.

- इस पूरे मामले की 30 दिनों में जांच पूरी होगी और एक साल में फैसला आएगा.

- हमले के मामले में 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

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- घटना की गंभीरता के आधार पर 50, 000 से 2 लाख तक का जुर्माना लगेगा.

- गंभीर मामले में 6 महीने से 7 साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है.

- गंभीर मामले में 1 लाख से 7 लाख तक जुर्माने का प्रावधान होगा.

- कोरोना वॉरियर्स के वाहन और क्लिनिक के नुकसान के मामले में आरोपियों से मुआवजे के रूप में बाजार मूल्य की दोगुनी दर ली जाएगी

अमित शाह ने की थी बात

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी. अमित शाह ने डॉक्टरों को भरोसा दिलाया था कि उनके खिलाफ कोई हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सरकार उनके साथ है. इसके बाद सरकार की ओर स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सख्त कानून बनाने का फैसला किया गया.

अपने लिए विशेष केंद्रीय कानून की मांग इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कई दिनों से कर रहा था. पिछले साल स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ड्राफ्ट भी तैयार किया था, जिसे कानून-वित्त मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई थी, लेकिन फाइल गृह मंत्रालय में अटक गई थी.

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