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महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट से बढ़ी चिंता, इन लोगों को तेजी से कर रहा है संक्रमित

महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सबवैरिएंट XBB के केस बढ़ते जा रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक यह नया वैरिएंट बहुत माइल्ड है. मरीज घर पर रहकर ही ठीक हो रहे हैं. यह वैरिएंट गंभीर रूप से बीमार लोगों को जल्द अपनी चपेट में ले रहा है.

युवाओं और बुजुर्गों को तेजी से संक्रमित कर रहा है नया सब वैरिएंट (फाइल फोटो) युवाओं और बुजुर्गों को तेजी से संक्रमित कर रहा है नया सब वैरिएंट (फाइल फोटो)
पंकज खेळकर
  • पुणे,
  • 29 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:08 PM IST

महाराष्ट्र में ओमक्रॉन के सब वैरिएंट XBB का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक डायबीटीज, ब्रेन फॉग और दिल के मरीज जल्दी इसकी चपेट में आ सकते हैं. महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग के निगरानी अधिकारी डॉ. प्रदीप अवाटे ने आजतक को बताया कि प्रदेश में इस वैरियंट से अब तक 36 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 2 को छोड़कर सभी मरीजों ने वैक्सीन लगवा रखी थी जबकि 5 ने बूस्टर डोज ली हुई थी.

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उन्होंने बताया कि 6 मरीजों को पहले से कोरोना हो चुका है. डॉ. अवाटे के मुताबिक इस सब वैरिएंट से पुणे में 21, ठाणे में 10, नागपुर में 2 और अकोला, अमरावती, रायगढ़ में 1-1  लोग संक्रमित हो चुके हैं.

किसी भी मरीज की हालत गंभीर नहीं

निगरानी अधिकारी ने बताया कि संक्रमितों में 2 रोगियों की उम्र 11 से 20 साल है. वहीं 13 मरीजों की उम्र 21 से 40 साल, 14 लोगों की उम्र 41 से 60 साल और 7 रोगियों की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है. सक्रमितों में 22 पुरुष और 14 महिलाएं हैं. 36 ओमाइक्रोन रोगियों में से 19 में लक्षण थे और बाकियों में हल्के लक्षण दिखाई दिए.

डॉ. प्रदीप अवाटे बताया कि अच्छी बात यह है कि 32 मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो गए और केवल 4 को एहतियात के तौर पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. किसी भी मरीज को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर सपोर्ट पर नहीं रखा गया है. किसी भी मरीज में असामान्य लक्षण नहीं देखे गए हैं. 

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घर पर रहकर ही ठीक हो रहे हैं मरीज

24 अक्टूबर 2022 को स्टेट कोविड टास्क फोर्स की बैठक हुई थी. इसमें विशेषज्ञों ने बताया था कि भले ही XBB वैरिएंट महाराष्ट्र, सिंगापुर या विदेश में तेजी से फैल रहा हो लेकिन यह वैरिएंट बहुत कमजोर है. इससे संक्रमित ज्यादातर मरीजों का इलाज होम आइसोलेशन में ही किया गया है. बहुत कम ही मरीज हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूर पड़ी है.

विशेषज्ञों ने लॉन्ग कोविड को लेकर चिंता जाहिर की है. यह वैरिएंट डायबीटीज, ब्रेन फॉग और हृदय रोग के मरीजों जल्दी अपना शिकार बना रहा है, इसलिए कोविड से ठीक हुए मरीजों की निगरानी और फॉलोअप जरूरी है. विशेषज्ञों के मुताबिक भले ही अब सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों और अन्य लोगों द्वारा अस्पताल और क्लीनिक परिसर में मास्क का उपयोग करना फायदेमंद होगा.

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