
विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाई गई हैं. जिस राज्य ने जितनी ट्रेन मांगी उतनी दी गईं. इसका 85 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठा रही है. 25 करोड़ लोगों को मुफ्त में गेंहूं-चावल दिए गए हैं.
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कैश का किया गया. इसके तहत 8.19 करोड़ किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये दिए गए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए. उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया. इसके अलावा 2.20 करोड़ निर्माण मजदूरों को सीधे उनके खाते में पैसा दिया गया.
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वित्त मंत्री ने कहा कि मजदूरों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए 85 फीसदी खर्चा केंद्र सरकार दे रही है. मजदूरों को ट्रेनों में खाना दिया जा रहा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 15 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं. टेस्टिंग और लैव किट के लिए 550 करोड़ रुपये दिए गए हैं. कोरोना से जंग में लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की गई है.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी पांचवीं और आखिरी चरण की घोषणा करते हुए कहा, प्रधानमंत्री मंत्री ने कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है. उसी के मुताबिक ये आर्थिक पैकेज तैयार किया गया है.
मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया
केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की योजना मनरेगा के बजट में बड़ा इजाफा किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है. पहले मनरेगा का बजट 61 हजार करोड़ रुपये था, अब इसमें 40 हजार करोड़ का इजाफा किया गया है.
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नई पब्लिक सेक्टर पॉलिसी लाएगी केंद्र
सरकार नई पब्लिक सेक्टर नीति की घोषणा करेगी. इसमें यह तय होगा कि कौन से रणीतिक सेक्टर में कौन सी पब्लिक सेक्टर की कंपनी रहेगी. सरकार की कोशिश होगी कि हर रणनीतिक सेक्टर में कम से कम एक पब्लिक सेक्टर की कंपनी रहे. रणनीतिक सेक्टर में सरकार प्राइवेट कंपनियों को भी प्रवेश देगी. अन्य सेक्टरों में पीएसयू कंपनियों का विलय होगा.