
कोरोना महामारी में वायरस के कई वैरिएंट अभी तक दुनिया में दस्तक दे चुके हैं. डेल्टा से लेकर अल्फा और बीटा से लेकर ओमिक्रॉन तक, हर वैरिएंट की अपनी एक पहचान रही और कोई कम घातक बताया गया तो कोई ज्यादा. लेकिन इस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है. ये ओमिक्रॉन का ही सबवैरिएंट बताया गया है- BA.2.
WHO ने बताया है कि अभी तक अफ्रीका के पांच देशों में ओमिक्रॉन के इस सबवैरिएंट का प्रसार हो चुका है. वहां पर तेजी से इस नए सबवैरिएंट के मामले आ रहे हैं. डेनमार्क में तो ओरिजनल ओमिक्रॉन से ज्यादा इस सबवैरिएंट के मामले आने लगे हैं. ऐसे में फिर सवाल खड़े होने लगे हैं कि ये नया सबवैरिएंट कितना खतरनाक है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैज्ञानिक Nicksy Gumede-Moeletsi ने कहा कि अभी ओमिक्रॉन का ये नया सबवैरिएंट बोत्सवाना, केन्या, मावाई, सेनेगल और साउथ अफ्रीका में देखने को मिला है. इसको पहचानना ज्यादा मुश्किल है और ये डिटैक्ट भी आसानी से नहीं हो पा रहा है. इसका एक कारण ये है कि इस सबवैरिएंट में जांच के दौरान S gene नहीं मिला है. इस वजह से पीसीआर टेस्ट के जरिए कोरोना का पता लग सकता है, लेकिन ये कौन सा वैरिएंट है, इसकी जांच में ज्यादा समय जाएगा.
शुरुआती जांच के बाद इतना जरूर कहा गया है कि ये नया सबवैरिएंट पुराने वैरिएंट जितना ही असरदार है, कोई ज्यादा खातक नहीं बन गया है. लेकिन कुछ और पहलू हैं जिन पर अभी वैज्ञानिक जांच कर रहे हैं. वैसे हाल ही में हुई एक स्टडी में बताया गया है कि ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट BA.2 उसके मूल रूप की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है. कुछ केसों में यह भी देखा गया है कि यह सबवैरिएंट बूस्टर डोज लेने वाले लोगों को भी चपेट में ले रहा है.