
मुंबई में शुक्रवार को ओमिक्रॉन के 7 नए केस आए. सबसे खास बात यह है कि ओमिक्रॉन के संक्रमितों में एक साढ़े तीन साल की बच्ची भी है. बच्चों में ओमिक्रॉन का संक्रमण बेहद चिंताजनक है.
आज ही दिल्ली में ओमिक्रॉन का एक और मरीज आया है. इसी के साथ दिल्ली में ओमिक्रॉन के दो मरीज हो गए हैं. जबकि देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुल 33 मरीज हो गए हैं. हालांकि इनमें से कई संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं, लेकिन छोटे बच्चों में ओमिक्रॉन का संक्रमण चिंताजनक है.
महाराष्ट्र सरकार ने ओमिक्रॉन संक्रमण के बारे में बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट वायरोलॉजी से मिले आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के 7 मरीज मिले. इनमें से 3 मुंबई और 4 पिम्परी छिंचवाड़ क्षेत्र से हैं.
पिम्परी छिंचवाड़ पुणे जिले में आता है. यहां पर जिन चार लोगों को ऑमिक्रॉन हुआ है. उनमें से सभी उन तीन महिलाओं के संपर्क में आए थे, जो नाइजीरिया से आई थीं. बाद में उन्हें ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाया गया. इन्हीं लोगों के साथ साढ़े तीन साल की बच्ची थी, जो ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाई गई है. इससे साफ होता है कि बच्चे भी ओमिक्रॉन पॉजिटिव से संपर्क में आने के बाद आसानी से इसका शिकार हो रहे हैं.
4 बच्चियां ओमिक्रॉन की शिकार हुईं
इससे पहले भी महाराष्ट्र में बच्चे ओमिक्रॉन पॉजिटिव हुए हैं. प्रदेश सरकार के अनुसार 24 नवंबर को 44 साल की महिला (भारतीय मूल की नाइजीरियाई नागरिक) अपनी 18 और 12 साल की दो बेटियों के साथ नाइजीरिया के लागोस से महाराष्ट्र के पिंपरी छिंछवाड़ आई थीं. जांच में ये महिला, इनकी दो बेटियां, महिला का 45 साल का भाई और उनकी दो बेटियां जिनकी उम्र 7 साल और 1.5 थी, वे ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाई गई थीं.
इस तरह से भारत में ओमिक्रॉन की चपेट में 3 बच्चे आ चुके हैं. इनमें से एक शुक्रवार को मिली 3.5 साल की लड़की और दूसरी 12 साल की लड़की, तीसरी 7 साल और चौथी 1.5 साल की लड़की थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
चूंकि भारत में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना का टीका नहीं लगा है. इसलिए उनके संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है. Tata Institute for Genetics and Society (TIGS) के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने एजेंसी से बात करते हुए कहा कि यदि टीकाकरण कवरेज को और विस्तारित किया जाता है और यदि बच्चों के लिए टीके शुरू किए जाते हैं तो कोरोना से जंग में मददगार होगा.
एजेंसी के अनुसार ओमिक्रॉन की संक्रामकता को देखते हुए ही ब्रिटेन ने अपने देश में एंट्री करने वाले जिन लोगों का कोरोना निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य किया है, उनमें 12 साल तक के बच्चे भी शामिल हैं.
हालांकि आरके धीमान, डायरेक्टर, एसजीपीजीआई, लखनऊ ने कहा है कि जहां तक बच्चों में इस वैरिएंट के प्रकोप का सवाल है तो उनमें इसका असर कम पड़ने की संभावना है. डॉ. धीमान ने कहा कि जो बच्चे हैं, उनकी नेचुरल इम्यूनिटी जो हमें मिली है वह एडल्ट इम्यूनिटी के बराबर पाई गई है. यानी कि बच्चों में जो एंटीबॉडी है वह नेचुरल है, जोकि 80% से ज्यादा पाई गई है.
इसकी वजह से ओमीक्रॉन वैरीएंट बच्चों में ज्यादा गहरा इंफेक्शन नहीं कर पाएगा. बच्चों में जो बीमारियां होंगी वो वायरल बीमारियां होती है. इसी तरह से ओमिक्रॉन से भी पीड़ित होने की आशंका है.
एक्सपर्ट की सलाह है कि बच्चों को मास्क लगाने की आदत डालनी होगी. माता-पिता को स्वच्छता का खास ख्याल रखना होगा.