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फाइजर की अधिकारी बोलीं- कोरोना को दुश्मन की तरह देखा, पर्सनल हो गई थी लड़ाई

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कैथरीन जॉनसन उन पलों को याद करती हैं और बताती हैं कि कैसे वो वैक्सीन बनाने के लिए मजबूर हुईं. 

फाइजर ने बनाई कोरोना वायरस की वैक्सीन (फाइल फोटो) फाइजर ने बनाई कोरोना वायरस की वैक्सीन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:37 AM IST
  • कोरोना ने अमेरिका में मचाई सबसे ज्यादा तबाही
  • कैसे वैक्सीन बनाने के लिए मजबूर हुई फाइजर की अधिकारी
  • 'कोरोना वायरस को हमने दुश्मन के तौर पर देखा'

कोरोना वायरस का कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है. दुनिया में अब तक 16 लाख से ज्यादा लोगों की जान लेने के बाद कोरोना की रफ्तार थमी है. इस महामारी ने जमकर कोहराम मचाया. इसका सबसे ज्यादा असर दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका में देखा गया. यहां तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कैथरीन जॉनसन उन पलों को याद करती हैं और बताती हैं कि कैसे वो वैक्सीन बनाने के लिए मजबूर हुईं. 

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उनका कहना है कि न्यूयॉर्क शहर में जब वो अपने घर के पास हुई मौतों और आर्थिक आपदा का गवाह बनीं तो वायरस को हराना उनके लिए पर्सनल हो गया था. 

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कैथरीन ने कहा कि हम न्यूयॉर्क के हॉट जोन में रह रहे थे. जो भी हो रहा था हम रोज उसके गवाह बन रहे थे. और मेरे लिए सबसे ज्यादा चिंता की बात यह थी कि जब हम अपने कुत्ते को लेकर अस्पताल परिसर जाते थे, वहां पार्किंग स्थल में कतार में लगीं ट्रक नजर आती थीं. उन ट्रक में शव होते थे.

कैथरीन ने कहा कि इसके बाद आर्थिक पहलू भी. ये सब देखकर मुझे टीका बनाने की इच्छा जागी, चाहे इसके लिए जो भी करना पड़े. ये एक तरह से निजी हो गया था. हमने उसे दुश्मन के तौर पर देखा. हम वायरस से लड़ना चाहते थे. उसको हराना चाहते थे. और किसी चीज से तो मतलब ही नहीं था. 

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