
देश में कोरोना महामारी से बिगड़ते हालात के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश में जागरूकता से लॉकडाउन से बचने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि देश को लॉकडाउन से बचाना है. राज्य सरकारें भी लॉकडाउन को अंतिम विकल्प समझें. हालांकि पीएम के संबोधन को लेकर कई तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा, 'भारत ऑक्सीजन के लिए हांफ रहा है. GOI’s की अक्षमता और शालीनता के लिए धन्यवाद.' वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, 'आज रात 8.45 बजे के ज्ञान का सार-: “मेरे बस का कुछ नहीं, यात्री अपने सामान यानी जान की रक्षा स्वयं करें।” #COVID19'
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि पीएम ने कहा है कि लॉकडाउन राज्यों के लिए अंतिम विकल्प होना चाहिए. लेकिन देश की विभिन्न अदालतों ने लॉकडाउन के निर्देश दिए हैं. लोगों को उम्मीद थी कि प्रवासी श्रमिकों, गरीबों, छोटे व्यापारियों के लिए पीएम द्वारा एक राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीएम मोदी के संबोधन को उस स्वीकार्यता के रूप में देखा जा सकता है कि कोरोना की पहली लहर के खिलाफ केंद्रीकृत प्रतिक्रिया थी, जिसमें नेशनल लॉकडाउन भी था, जिसने काम नहीं किया. वहीं, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी पीएम मोदी को घेरा.
इधर, अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ी है. हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. हर जरूरतमंद को ऑक्सीजन पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. राज्यों को ऑक्सीजन पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश का फार्मा सेक्टर मजबूत है. हम दवाई कंपनियों से हर संभव मदद ले रहे हैं.