
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकों से बातचीत की. उन्होंने राज्यों को ‘कोरोना कर्फ्यू’ जैसे उपाय करने और माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर फोकस करने के लिए कहा.
रात में कर्फ्यू लगाएं राज्य सरकारें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य सरकारें रात के समय अपने हिसाब से कोरोना कर्फ्यू लगाएं. इससे अधिकतर व्यवस्थाएं प्रभावित नहीं होती हैं. राज्य इसे अपने हिसाब से रात 9 बजे या 10 बजे से लेकर सुबह 5 या 6 बजे तक चला सकते हैं ताकि और चीजों पर ज्यादा असर ना हो.
‘क्या रात को ही आता कोरोना’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग बहस करते हैं कि कोरोना कर्फ्यू रात में लगाने का क्या फायदा? क्या कोरोना रात में ही आता है? इस पर मेरा कहना है कि राज्य जब भी कर्फ्यू लगाएं तो कोरोना कर्फ्यू जैसे शब्द का ही उपयोग करें. इससे लोगों को जागरुक करने में मदद मिलती है. उनके ध्यान में रहता है कि हम कोरोना काल में जी रहे हैं. दुनियाभर में कई देशों ने रात के कर्फ्यू के प्रयोग को मान्यता दी है.
‘लोगों का रवैया पहले से कैजुअल’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार कोरोना को लेकर लोग पहले से ज्यादा कैजुअल हो गए हैं. इसलिए हमें सावधानी बरतने की जरूरत है. लोगों को कोरोना के बारे में जागरुक करने की जरूरत है क्योंकि पहले लोग थोड़े से लक्षण आने पर भी उपचार शुरू कर देते थे लेकिन अब सामान्य जुकाम जैसी बात मानकर परिवार में सामान्य जीवन जीते रहते हैं. राज्यों को इस पर एक सर्वेक्षण भी कराना चाहिए.
हमारी तैयारी पहले से बेहतर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस बार हम कोरोना से निपटने के लिए पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार हैं. इसलिए हमें टेस्टिंग, ट्रैक और ट्रीटमेंट पर जोर देने की जरूरत है. हम पहले भी कोरोना के मामलों को 10 लाख से 1.25 लाख तक लाने में कामयाब रहे हैं जबकि तब हमारे पास संसाधन नहीं थे और अब तो वैक्सीन भी है. ऐसे में हमें और आपको अपने पुराने अनुभवों का इस्तेमाल करने की जरूरत है.
माइक्रो कंटेनमेंट जोन से निकलेगा हल
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी तैयारी बेहतर है. इसलिए राज्यों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर ध्यान देना चाहिए. हालांकि इसके लिए राज्यों को थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी होगी. गवर्नेंस को टाइट रखना होगा और छोटी-छोटी चीजों का एनालिसिस करना होगा लेकिन कोरोना से निपटने में ये कारगर है.
ज्यादा टेस्टिंग से घबराएं नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों को ज्यादा टेस्टिंग से घबराने की जरूरत नहीं है. बल्कि हमें इतने टेस्ट करने हैं कि कोरोना पॉजिटिव रेट 5% से ज्यादा ना रहे. इतना ही नहीं मैं लोगों से भी कहना चाहूंगा कि वो आगे आकर अपना टेस्ट कराएं.
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