
कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारियों से संवाद कर रहे हैं. गुरुवार को इस कड़ी में पीएम मोदी ने कुल 10 राज्यों के 54 डीएम से सीधा संवाद किया. कोरोना की इस लहर में ग्रामीण इलाकों में कई मामले दर्ज किए गए हैं, ऐसे में स्थानीय स्तर पर प्रशासन की भूमिका अहम हो जाती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने जिले की हर छोटी दिक्कत को संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्या का समाधान करना होगा. महामारी के दौर में जन-जन तक पहुंचकर अपने काम को बड़े पैमाने पर करना है. जो अधिकारी अपने जिले के स्तर पर नए तरीके अपना रहे हैं, उन्हें अपने अनुभवों को साझा करना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं, लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है. अगर अधिकारी स्थानीय स्तर पर गांवों में संवाद करेंगे तो लोगों में विश्वास पैदा होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि एक्टिव केस की संख्या कम होने के बाद भी टेस्टिंग और अन्य गाइडलाइन्स का पालन करना ज़रूरी है. पीएम मोदी ने कहा कि अब वैक्सीन सप्लाई की जानकारी एडवांस मिल रही है, इससे टीकाकरण के अभियान में कुछ आसानी होगी. पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस लगातार रूप बदलता है, ऐसे में हमें इससे निपटने के तरीकों को बदलना होगा.
उद्धव और ममता भी मीटिंग में शामिल
इस बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं. ये पहला मौका है जब बंगाल चुनाव में जीत के बाद ममता बनर्जी, पीएम मोदी के साथ किसी कार्यक्रम में शामिल हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए. महाराष्ट्र के कुल 17 अफसरों ने मीटिंग में हिस्सा लिया, सीएम की ओर से इस दौरान ब्लैक फंगस का विषय उठाया जा सकता है.
अभी तक पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई कई बैठकों का ममता बनर्जी ने बहिष्कार किया है. मीटिंग के बाद ममता बनर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकती हैं. पीएम मोदी ने 18 मई को भी कई जिलाधिकारियों से संवाद किया था और गांवों में टेस्टिंग और जागरुकता बढ़ाने का संदेश दिया था.