
भारत में जारी कोरोना वैक्सीनेशन के मिशन को रफ्तार मिल रही है. इसी कड़ी में मंगलवार को हैदराबाद में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी का सबसे बड़ा शिपमेंट पहुंचा. करीब 56.6 मीट्रिक टन का शिपमेंट हैदराबाद पहुंचा, इनमें करीब 30 लाख वैक्सीन की डोज़ हैं जो जल्द ही देश में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होंगी.
ये रूस से आया स्पुतनिक-वी का तीसरा और अबतक का सबसे बड़ा शिपमेंट है. यहां एयरपोर्ट पर इस शिपमेंट को डिस्पैच करने का प्रोसेस 90 मिनट में पूरा कर दिया गया. इस वैक्सीन के शिपमेंट को -20 डिग्री तापमान में रखा जाना है, ऐसे में बड़ी ही तसल्ली से इसे यहां से ले जाया गया.
भारत में हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर ही स्पुतनिक-वी को बनाया जा रहा है. हालांकि, भारत में इसका प्रोडक्शन शुरू हो गया है लेकिन भारत में बनने वाली वैक्सीन जुलाई-अगस्त तक बाजार में आ सकती है.
ऐसे में शुरुआती इस्तेमाल के लिए भारत को लगातार रूस से ही स्पुतनिक-वी भेजी जा रही हैं. भारत में स्पुतनिक-वी का इस्तेमाल शुरू हो गया है. जून के दूसरे हफ्ते में ये वैक्सीन कुछ प्राइवेट अस्पतालों में मिलना भी शुरू हो जाएगी. कोरोना वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कोविन पोर्टल पर भी स्पुतनिक-वी का ऑप्शन दिखा रहा है.
इस साल वैक्सीनेशन अभियान पूरा करने का लक्ष्य
आपको बता दें कि भारत सरकार की ओर से इस साल में ही वैक्सीनेशन के अभियान को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक देश में 22 करोड़ के आस-पास वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं. जून में करीब 12 करोड़ डोज़ उपलब्ध होंगी. लेकिन जुलाई-अगस्त से हर महीने 20-25 करोड़ डोज़ उपलब्ध होने के आसार हैं.
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी भरोसा दिया है कि इस साल तक वैक्सीनेशन पूरा किया जा सकता है. साल के अंत तक भारत के पास 216 करोड़ वैक्सीन की डोज़ होंगी.