
पुणे में कोरोना वायरस की समीक्षा मीटिंग में पहली बार एनसीपी प्रमुख शरद पवार शामिल हुए. पुणे एक बार फिर से कोरोना का हॉट-स्पाट बन गया है. यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में कोरोना पॉजिटिव केस आ रहे हैं. हाल ही में पुणे के जम्बो कोविड अस्पताल में इलाज के दौरान एक टीवी पत्रकार की मौत हो गई थी.
इसके बाद शरद पवार को खुद कोरोना वायरस के खिलाफ मुहिम में शामिल होना पड़ा है. शरद पवार पुणे और पिंपरी-चिंचवाड में कोरोना को लेकर दो समीक्षा मीटिंग में शामिल हुए हैं.
मुंबई-दिल्ली की कतार में शामिल हुआ पुणे
कोरोना के मामले में पुणे अब मुंबई और दिल्ली की कतार में शामिल हो गया है. पुणे में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 15973 है, जबकि शहर में कोरोना की चपेट में आए कुल लोगों की संख्या 1 लाख 03 हजार 812 है. मुंबई में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 22 हजार 978 है. जबकि यहां कोरोना के कुल मामले 1 लाख 53 हजार 712 हैं. अगर दिल्ली की बात करें तो यहां कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 23000 है. जबकि दिल्ली में कोरोना की चपेट में अबतक एक लाख 85 हजार लोग आ चुके हैं.
मोर्चा संभालने पवार आए सामने
पुणे के जम्बो कोरोना हॉस्पिटल में सिर्फ टीवी पत्रकार पांडूरंग जयकर की ही मौत नहीं हुई, बल्कि कई लोगों ने आरोप लगाया कि इस अस्पताल में उनके नजदीकियों की जान चली गई. लोगों में असंतोष बढ़ता ही जा रहा था. सभी राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ लोग नाराज हो रहे थे. इस हालत में ये तय हो गया कि जनता को ये संदेश देना जरूरी हो गया है कि सभी राजनीतिक पार्टियां मिलकर कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ रही हैं.
महाराष्ट्र में मौजूदा सरकार में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन का बड़ा चेहरा होने के कारण शरद पवार को इस कोशिश में लीड लेनी पड़ी. 3 सितंबर को पवार ने पिंपरी-चिंचवाड में जिला और स्वास्थ्य अधिकारियों से मीटिंग की और हालात का जायजा लिया. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से भी बातचीत की.
शनिवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, शरद पवार और पुणे के सभी सांसद विधायक एक साथ बैठे और कोरोना संक्रमण पर 4 घंटे तक लंबी मीटिंग की. बाद में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अजित पवार और राजेश टोपे ने पत्रकारों से भी मुलाकात की.
पुणे में 25 से 35 फीसदी लोग नहीं पहन रहे मास्क
राज्य सरकार के मंत्री अजित पवार ने कहा कि ये पाया गया है कि जिले में 25 से 35 फीसदी लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं. इन पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. खुले में थूकने वाले लोगों पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि RT-PCR टेस्ट की कीमत 1900 रुपये से घटाकर 1200 रुपये किया जाएगा.
पहले भी मोर्चे पर आए हैं पवार
एनसीपी की राज्यसभा एमपी वंदना चौहान ने कहा कि इस मीटिंग का मकसद ये जानना था कि आखिर पुणे कैसे देश में कोरोना का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है. सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे पर मंथन हुआ. शरद पवार की भागीदारी को लेकर उन्होंने इंडिया टुडे को कहा कि पुणे जिला शरद पवार का गृह नगर है इसलिए ये उनकी जिम्मेदारी है कि वे यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पर नजर रखें. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि शरद पवार को किसी जंग में मोर्चे पर आना पड़ा है.
सांसद वंदना चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के वक्त भी पवार ने पहले मोर्चा संभाला है. उन्होंने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री रहने के नाते उन्हें इसका अनुभव है. वंदना चौहान ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में उन्होंने पुणे शहर को 6 ICU एम्बुलेंस दान दिया है.