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Sputnik Light कितनी प्रभावी, पहले की कोरोना वैक्सीन से क्या अलग?

कोरोना को मात देने के लिए दुनिया में इस वक्त कई वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब एक और नाम जुड़ा है, स्पुतनिक लाइट का. रूस द्वारा तैयार की गई ये वैक्सीन सिंगल शॉट वाली है, यानी इसकी डबल डोज़ की जरूरत नहीं है.

रूस ने लॉन्च की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन रूस ने लॉन्च की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2021,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST
  • कोरोना को मात देने के लिए आई एक और वैक्सीन
  • रूस ने स्पुतनिक वी का सिंगल डोज़ वर्जन लॉन्च किया

कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनिया में अब कई वैक्सीन तैयार हो चुकी हैं. भारत समेत अलग-अलग देशों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी भी है, लेकिन जिस तरह से कोरोना का विस्तार हो रहा है ऐसे में अलग-अलग तरीके अभी भी निकाले जा रहे हैं. इसी कड़ी में रूस को एक और कामयाबी मिली है. रूस ने अपनी वैक्सीन स्पुतनिक-वी का नया वर्ज़न निकाला है, स्पुतनिक लाइट. ये सिंगल डोज़ वैक्सीन है, जो कोरोना को मात देने में कारगर है. 

इस वैक्सीन के बारे में क्या खास है, कैसे ये कोरोना को मात देने में कारगर साबित हो सकती है, एक नज़र डालिए...

•    रूस ने कोरोना को मात देने वाली दुनिया की पहली वैक्सीन स्पुतनिक वी का निर्माण किया था, जिसका इस्तेमाल अब करीब 60 देशों में किया जा रहा है. 

•    इसी वैक्सीन का नया वर्जन अब स्पुतनिक लाइट लाया गया है. कंपनी के मुताबिक, स्पुतनिक लाइट की सफलता का प्रतिशत 80 फीसदी है. 5 दिसंबर 2020 से 15 अप्रैल 2021 तक इसका ट्रायल चलाया गया था.

•    कोरोना वायरस के हर स्ट्रेन के खिलाफ स्पुतनिक लाइट कारगर साबित होती है. इसका अलग-अलग म्यूटेंट पर टेस्ट किया गया है.

•    अभी तक इस वैक्सीन के लगने के बाद किसी भी व्यक्ति में कोई सीरियस बीमारी या लक्षण पैदा नहीं हुए हैं. 
 

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•    स्पुतनिक लाइट की शुरुआती कीमत 10 डॉलर तक आंकी गई है, हालांकि अलग-अलग देशों में इसका रेट अलग हो सकता है. 

•    कंपनी का कहना है कि वैक्सीन का सिंगल शॉट ही इतना कारगर है, ऐसे में इससे कम वक्त में बड़ी जनसंख्या को टीका लगाया जा सकता है और संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है. 

•    रूस, यूएई, घाना जैसे कई देशों में करीब 7,000 लोग इसके तीसरे चरण के क्लीनिकल स्टडी में शामिल किए गए थे. 

गौरतलब है कि कोरोना को मात देने के लिए पहले ही रूस की ओर से स्पुतनिक वी वैक्सीन निकाली गई थी, उस वैक्सीन का सफलता प्रतिशत भी 91 फीसदी था. हालांकि, वो दोनों डोज़ देने के बाद ही इतनी सफलता दे पाती थी.

भारत में भी स्पुतनिक वी वैक्सीन आ गई है, 1 मई को ही भारत में इसकी पहली किस्त पहुंची थी. हालांकि, इसका इस्तेमाल कब से शुरू होगा, ये साफ नहीं है. वैसे भारत में स्पुतनिक-वी वैक्सीन का प्रोडक्शन हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर किया जा रहा है. 

दुनिया में अभी तक जो भी वैक्सीन आई हैं, उनमें से अधिकतर डबल डोज़ वैक्सीन ही हैं. भारत में इस वक्त जिन दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है, कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही डबल डोज़ वैक्सीन है. इसके अलावा भारत ने रूस की जिस स्पुतनिक वी को मंजूरी दी है, वो भी डबल डोज़ वाली ही है.

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