
रूस द्वारा बनाई जा रही स्पूतनिक वैक्सीन का भारत में इंतजार खत्म हो गया है. नीति आयोग ने बताया है कि अगले हफ्ते से स्पूतनिक वैक्सीन देश में उपलब्ध हो जाएगी. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया है कि स्पूतनिक की एक बड़ी खेप भारत पहुंच चुकी है, अगले हफ्ते तक देश में उपलब्ध भी हो जाएगी. नीति आयोग के सदस्य ने ये भी बताया कि जुलाई से इसका उत्पादन देश में ही स्टार्ट हो जाएगा, यानी स्पूतनिक के मेड इन इंडिया होने में भी बहुत वक्त नहीं लगना.
जुलाई से इस वैक्सीन का देश में निर्माण शुरू होगा
जुलाई महीने से ही रूस की इस वैक्सीन का देश में निर्माण शुरू हो जाएगा. और करीब 15.6 डोज का उत्पादन किया जाएगा. वीके पॉल ने आगे बताया कि अगले पांच महीने में देश में स्पूतनिक की 2 बिलियन डोज उपलब्ध होंगी. इसके अलावा अभी और भी वैक्सीन रूस से आने वाली हैं. वीके पॉल ने ये भी बताया कि देश में इस स्पूतनिक वैक्सीन का उत्पादन जून में शुरू हो जाएगा और अक्टूबर महीने से देश में मेड इन इंडिया स्पूतनिक उपलब्ध होना शुरू हो जाएगी.
216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होने की उम्मीद
डॉ. वी. के पॉल ने आगे कहा कि भारत में अधिक से अधिक कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए लगातार हर स्तर पर काम हो रहा है. अगस्त से दिसंबर तक कुल 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होने की उम्मीद है. इसमें 55 करोड़ कोवैक्सीन की डोज, 75 करोड़ कोविशील्ड की डोज, 30 करोड़ बायो ई सब यूनिट वैक्सीन की डोज, पांच करोड़ जायडस कैंडिला डीएनए की डोज, 20 करोड़ नोवावैक्सीन की डोज, 10 करोड़ भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन की डोज, 6 करोड़ जिनोवा की डोज और 15 करोड़ डोज स्पूतनिक की उपलब्ध होगी. डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि जो वैक्सीन आ रही हैं वह पर्याप्त होंगी.
वैक्सीन आयात करने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं
वीके पॉल ने बताया कि बीमारी का प्रकोप ज्यादा है लेकिन पूरा जोर लगाकर भी अमेरिका अब तक 45 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन लगा पाया है. एक बात महत्वपूर्ण रही वो ये है कि अब राज्यों को बाहर से वैक्सीन मंगाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. नीति आयोग के वीके पॉल के अनुसार अब राज्यों को वैक्सीन आयात करने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी.
राज्यों को अब वैक्सीन के मामले में पूरी स्वतंत्रता
राज्यों को अब वैक्सीन के मामले में पूरी स्वतंत्रता दी गई है. वीके पॉल ने ये भी कहा कि सरकार की इस नीति और आंकड़ों के साथ किसी को भी शक नहीं होना चाहिए कि टीकों का संकट होगा, सबको टीका लगेगा. वीके पॉल ने स्पूतनिक के बारे में बताया कि वैक्सीन को FDA और WHO से भी मान्यता प्राप्त है. और राज्य बिना किसी लाइसेंस के ही वैक्सीन का आयात कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि कोई भी वैक्सीन जो डब्लूएचओ, एफडीए से प्रमाणित है वह भारत में आ सकती है. आयात लाइसेंस 2 दिन में मिल जाएगा. अभी कोई आयात लाइसेंस पेंडिंग नहीं है.
जानिए स्पूतनिक के बारे में
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खिलाफ़ बाजार में कई वैक्सीन विकसित किए जा चुके हैं. लेकिन अभी तक जो भी वैक्सीन चल रही है, सबमें डबल डोज (दो बार वैक्सीन लगवाना) का नियम है. लेकिन रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन का ये सिंगल डोज वाला वर्जन है. यानी इसे एक ही शॉट लगवाना होगा. स्पूतनिक लाइट (Sputnik Light) नाम की इस वैक्सीन के 80 फ़ीसदी तक प्रभावी होने का दावा किया गया है.
आपको बता दें कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी तीसरी ऐसी वैक्सीन है जिसे मंजूरी मिली हुई है इसके अलावा कोविशील्ड और कोवैक्सीन के ही आपातकालीन उपयोग को मंजूरी मिली हुई है. Sputinik-V को मंजूरी देने वाला भारत 60वां देश है.