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कोरोना: Stealth Omicron ने बजाई खतरे की घंटी! 28 से ज्यादा म्यूटेशन, जानें बड़ी बातें

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट में तीन सब-स्ट्रेन हैं- BA.1, BA.2, और BA.3. जबकि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए ओमिक्रॉन संक्रमणों में BA.1 सब-स्ट्रेन सबसे खास है, लेकिन BA.2 सब-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है

BA.2 सब-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है BA.2 सब-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST
  • ब्रिटेन का कहना है कि ओमिक्रॉन के नए सब-स्ट्रेन का पता चला है
  • इस स्ट्रेन को BA.2 सब-स्ट्रेन या 'स्टील्थ ओमिक्रॉन' (stealth Omicron) कहा जाता है
  • 40 से अधिक देशों में पाया गया है स्टील्थ ओमिक्रॉन

दुनिया भर में कोरोना वायरस (coronavirus) का नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) तेजी से पैर पसार रहा है. इसी बीच ब्रिटेन का कहना है कि ओमिक्रॉन के नए सब-स्ट्रेन का पता चला है. इस स्ट्रेन को BA.2 सब-स्ट्रेन या 'स्टील्थ ओमिक्रॉन' (stealth Omicron) कहा जाता है, जो 40 से अधिक देशों में पाया गया है. इसकी खास बात यह है कि यह RT-PCR टेस्ट से भी बच सकता है. स्टील्थ ओमिक्रॉन ने पूरे यूरोप में और तेज लहर की आशंका पैदा कर दी है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट में तीन सब-स्ट्रेन हैं- BA.1, BA.2, और BA.3. जबकि दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए ओमिक्रॉन संक्रमणों में BA.1 सब-स्ट्रेन सबसे खास है, लेकिन BA.2 सब-स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है. उदाहरण के लिए, 20 जनवरी को डेनमार्क ने बताया कि देश के करीब आधे एक्टिव केस के लिए BA.2 सब-स्ट्रेन ही जिम्मेदार है. यूके के स्वास्थ्य अधिकारियों ने BA.2 को 'variant under investigation' कहा है, जो कि 'variant of concern' घोषित किए गए स्ट्रेन से ही बना है. 

भारत और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने सब-स्ट्रेन के बारे में दी चेतावनी

ब्रिटेन और डेनमार्क के अलावा, स्वीडन, नॉर्वे और भारत में BA.2 सब-स्ट्रेन के मामलों का पता चला है. भारत और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने इस सब-स्ट्रेन के बारे में चेतावनी दी है कि इसके BA.1 सब-स्ट्रेन से आगे निकलने का डर है. ब्रिटेन ने 10 जनवरी तक BA.2 सबलाइन के 53 सीक्वेंस की पहचान की थी.

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'स्टील्थ ओमिक्रॉन' चिंता का विषय क्यों?

शोधकर्ताओं के अनुसार, भले ही BA.2 सब-स्ट्रेन BA.1 के साथ 32 स्ट्रेन साझा करता है, लेकिन इसमें 28 से ज़्यादा यूनिक म्यूटेशन हो सकते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि BA.1 में एक म्यूटेशन है- 'S' या स्पाइक जीन में डिलीशन- जो पीसीआर टेस्ट में दिखाई देता है, उससे ओमिक्रॉन का पता लगना आसान हो जाता है. दूसरी ओर, BA.2 में इस तरह का म्यूटेशन नहीं होता, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है.

BA.2 सबलाइन में स्पाइक में डिलीशन नहीं है, इससे RT-PCR टेस्ट के लिए इस्तेमाल की जा रही ज़्यादातर PCR किटों में इसका पता नहीं चलता है. इस बात के प्रमाण हैं कि BA.1 की तुलना में BA.2 तेजी से बढ़ रहा है.

क्या पीसीआर टेस्ट स्टील्थ ओमिक्रॉन पर काम नहीं करते ?

महाजन इमेजिंग के एमडी और संस्थापक और मुख्य रेडियोलॉजिस्ट डॉ हर्ष महाजन का हना है कि BA.1 सब-स्ट्रेन कभी-कभी RT-PCR टेस्ट से बच सकते हैं,लेकिन ये टेस्ट अभी भी वायरस का पता लगाने में सबसे अच्छे हैं. इस टेस्ट के इस्तेमाल में, ओमिक्रॉन या पिछले डेल्टा वैरिएंट के बीच संवेदनशीलता या पिक-अप रेट में कोई अंतर नहीं है. ओमिक्रॉन वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में पाए जाने वाले 30 से ज़्यादा म्यूटेशन, टेस्ट किट की संवेदनशीलता पर कोई असर नहीं डालते हैं.

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