
देश में कोरोना के कारण बदतर होती स्थिति के बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सर्वोच्च अदालत ने तमिलनाडु के तूतिकोरिन में स्थित वेदांता के प्लांट को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी है. इस प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाएगा, अन्य कोई काम नहीं किया जाएगा, राज्य सरकार को इसपर निगरानी रखनी होगी.
बता दें कि मंगलवार को तमिलनाडु सरकार ने जानकारी दी है कि उन्होंने वेदांता को चार महीने तक प्लांट चलाने की अनुमति दी है, इस दौरान सिर्फ ऑक्सीजन का प्रोडक्शन होगा. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस विषय पर बहस हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता से पूछा है कि वह कितनी जल्दी प्रोडक्शन शुरू कर सकते हैं, इसपर वेदांता ने 10 दिन का वक्त मांगा है. तूतिकोरिन में पिछले साल हुए हादसे के बाद इसे बंद कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ये राष्ट्रीय संकट का वक्त है, ऐसे में सभी को साथ आना चाहिए.
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि कॉपर प्लांट में किसी को आने की इजाजत नहीं होगी. ऑक्सीजन प्लांट कैसे काम करेगा, ये निर्णय कमेटी लेगी. कोर्ट की कमेटी में मंत्रालय के किसी व्यक्ति को भी रहना होगा. प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन का ही प्रोडक्शन होगा.
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अदालत में उठा ऑक्सीजन की सप्लाई का मसला
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अन्य राज्य सरकारों ने भी अपनी समस्याएं गिनाईं. राजस्थान सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि INOX की ओर से दिल्ली-राजस्थान को टैंकर मिल रहे थे, लेकिन इसमें राजस्थान को सिर्फ 23 मिले हैं जो काफी कम हैं.
राजस्थान ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा टैंकर रोकने की टिप्पणी का जिक्र किया तो सर्वोच्च अदालत ने इस मसले में दखल देने से इनकार किया. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि हाईकोर्ट के पास ही जाएं, हम इस मामले में दखल नहीं देंगे. इस दौरान केंद्र ने जानकारी दी है कि टैंकर रोकने वाले को सजा के लिए आदेश जारी कर दिया था.