
विदेश जाने वाले छात्रों, खिलाड़ियों, नौकरी पर जाने वाले व्यक्तियों के लिए दिल्ली सरकार ने विशेष वैक्सीनेशन केंद्र की शुरुआत की है. नई दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित नवयुग स्कूल में इस वैक्सीनेशन केंद्र के अंदर विदेश जाने वालों की भारी भीड़ उमड़ रही है. खास बात ये है कि इस केंद्र पर कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज़ भी केवल 28 दिन बाद लगवाई जा सकती है.
आजतक की टीम ने ऐसे छात्रों और कर्मचारियों से बातचीत की जो कोरोना काल में भारत आए और किसी वजह से विदेश नहीं लौट पाए. 26 साल की निदा सैफी, अप्रैल के महीने में आयरलैंड से भारत आईं थी. निदा के पिता अप्रैल के महीने में कोरोना से संक्रमित हुए और उनकी देखभाल के लिए उन्हें भारत वापसी करनी पड़ी.
निदा ने आजतक को बताया कि वो पिछले कई सालों से आयरलैंड में पढ़ाई कर रही हैं और अब जब उनके पिता की तबीयत ठीक है तो 30 जून तक आयरलैंड वापस लौटना है ताकि पढ़ाई पूरी की जा सके. निदा के मुताबिक उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए पासपोर्ट और आयरलैंड की यूनिवर्सिटी का एक लेटर दिखाना पड़ा.
आयरलैंड जाने वाली निदा ने कहा कि 13 मई को कोविशील्ड की पहली डोज़ लगवाई थी और केंद्र सरकार के नियम के मुताबिक 84 दिन बाद उन्हें दूसरी डोज़ लगवानी थी लेकिन स्पेशल ड्राइव की वजह से दूसरी डोज़ लगवाने का दायरा घट गया. मुझे चिंता थी कि दूसरी डोज़ लगवाने के इंतज़ार में कहीं पढ़ाई का समय न निकल जाए.
वैक्सीनेशन सेंटर पर आजतक की मुलाक़ात 34 साल के करण सेठी से हुई. करण टर्की में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. करण ने बताया कि जब दिल्ली में कोरोना बढ़ा तो अपने माता पिता का ख़्याल रखने के लिए अप्रैल महीने में वो भारत आए थे. करण ने मई के महीने में कोविशील्ड का पहला टीका लगवाया था तभी कोविशील्ड की दूसरी डोज़ के गैप बढ़ाने की घोषणा हो गयी. करण ने बताया कि वो काफी चिंतित थे कि दूसरी डोज़ देरी से लगेगी तो टर्की कैसे जाएंगे.
करण ने कहा कि कोविशील्ड का डोज़ लगवाने के लिए पासपोर्ट के अलावा कंपनी का ऑफर लेटर दिखाना ज़रूरी है. इसके अलावा टर्की में दोबारा जॉब के लिए जाने के बारे में एक इनवाइट लेटर भी कंपनी द्वारा भेजा गया. वैक्सीन की दूसरी डोज़ न लगने की वजह से ट्रेवल करने में दिक्कत आती. साथ ही अब टर्की जाने पर सरकारी संस्थान में क्वारनटीन नहीं होना पड़ेगा और सीधे घर जाने की अनुमति मिलेगी.
30 साल की आकांक्षा ने बताया कि वो कनाडा में जॉब करती हैं और अप्रैल के पहले हफ़्ते में अपने परिवार से मिलने दिल्ली आईं थी. मई के महीने में आकांक्षा कोविशील्ड की पहली डोज़ लगवा चुकी थी और दूसरी डोज़ के लंबे गैप की वजह से चिंतित थी. आकांक्षा ने कहा कि जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज़ लगाई जा चुकी हैं और वो कनाडा ट्रेवल कर सकती हैं.
आकांक्षा ने बताया कि अगर वैक्सीन के दोनों डोज़ नहीं लगते तो उन्हें ट्रेवल के दौरान संक्रमण का ख़तरा तो रहता ही, साथ ही कनाडा जाकर सरकारी सेंटर में क्वारनटीन भी रहना पड़ता. आकांक्षा ने बताया कि कनाडा में होटल में क्वारंटीन होने के लिए करीब 2000 डॉलर खर्च करने पड़ते लेकिन अब दोनों डोज़ लगने की वजह से उनका ट्रैवल और कनाडा में सीधे घर जाना आसान हो गया है.
दूसरी डोज़ 28-84 दिन के बीच विशेष प्रावधान के तहत इन लोगों को लगाई जाएगी :
- पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले छात्र
- नौकरी के लिए विदेश जाने वाले लोग
- टोकयो ओलंपिक खेलों में शामिल होने वाले एथलीट, स्पोर्ट्सपर्सन और भारतीय दल के साथ जाने वाले स्टाफ
इन मामलों में पासपोर्ट को बतौर ID डॉक्यूमेंट वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ये सुविधा उन सभी लोगों के लिए उपलब्ध होगी जिन्हें 31 अगस्त 2021 तक विदेश यात्रा करनी है. ऐसे सभी लोगों को पासपोर्ट के साथ यात्रा से संबंधित डॉक्यूमेंट लाना अनिवार्य है. साथ ही, दूसरी डोज़ लगवाने पहुंच रहे छात्रों और कर्मचारियों को पहली डोज़ का सर्टिफिकेट लाना ज़रूरी है.