
गंगा घाट पर PPE किट फेंक रहे लोग
अंतिम संस्कार करने वाले लोगों का कहना है कि शवों को जलाने के बाद साथ में आए लोग पीपीई किट को गंगा घाट के किनारे सीढ़ियों पर फेंक देते हैं, प्रशासन इसे भी नष्ट नहीं करवा रहा है जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. बता दें कि गंगा किनारे स्थित हरिश्चंद्र घाट के गैस शवदाह गृह में कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार प्रशासन द्वारा करवाया जा रहा है.
सैनिटाइजेशन भी नहीं करवा रहा है प्रशासन
इस बारे में और जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी पवन चौधरी बताते हैं कि कोरोना शवों को ले जाने के बाद घाट का सैनिटाइजेशन भी प्रशासन नहीं करवा रहा है. पवन चौधरी का कहना है कि वे खुद ही छोटी-छोटी सैनिटाइजेशन मशीनों के जरिए क्षेत्र को सैनिटाइज कर रहे हैं.
शवदाह रोकने की चेतावनी
इनका कहना है कि स्थानीय अधिकारियों के गैर जिम्मेदराना रवैये की शिकायत उन्होंने सीएम योगी से भी की है लेकिन कुछ नहीं बदला है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो श्मशान घाट पर शवदाह रोक दिया जाएगा.
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घाट पर शवों का अंतिम संस्कार कर रहे बहादुर चौधरी ने बताया कि अब तक लगभग डेढ़ दर्जन कोरोना मृतकों का शव प्राकृतिक शवदाह में अंतिम संस्कार के लिए आ चुका है. जिसमें शुर- शुरू में तो इलाके में सैनिटाइजेशन और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हुआ करता था, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं हो रहा है.
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प्रशासन का अलग दावा
इस बारे में वाराणसी नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया कि कोरोना मृतकों को लेकर काफी भ्रांतियां रहती हैं. हरिश्चंद्र घाट पर पूरी सावधानी के साथ शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. उन्होंने बताया कि पूरे इलाके का भी समय-समय पर सैनिटाइजेशन होता है.
प्रशासन के मुताबिक प्राकृतिक गैस शवदाह गृह में दिन भर में 3 बार और पूरे इलाके में दिन भर में दो बार सैनिटाइजेशन किया जाता है. वहीं वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने बताया कि ऐसा कोई मामला उनकी जानकारी में नहीं आया है और अगर आता है तो उस पर कार्रवाई होगी.