
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी जारी है. राज्यपाल ने कहा कि इंटर मिनिस्टीरियल सेंट्रल टीम की सिफारिशों के अनुरूप कोरोना से निपटने में काफी मदद मिलेगी. इस संकट की स्थिति में राज्य के लोगों के कल्याण के लिए सकारात्मक कदम अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का तीसरा चरण निर्णायक है. ऐसे में कोई भी चूक परिणामों से वंचित कर सकती है.
बता दें कि दो आईएमसीटी टीमों द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद केंद्र की ओर से मृत्य दर के संबंध में राज्य को पत्र लिखा था. इस पत्र में केंद्र ने कहा था कि कोरोना वायरस मृत्यु दर पश्चिम बंगाल में अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. बंगाल में कोरोना मृत्यु दर 13.2 फीसदी है.
वहीं, बीते दिनों आईएमटीसी की तैनाती को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने इसके मापदंड के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से जानकारी देने के लिए कहा था. इसको लेकर ममता और केंद्र के बीच ठन गई थी.
बंगाल को ‘पुलिस स्टेट’ में बदल देने का आरोप लगाया
हाल में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को चार पन्नों की चिट्ठी भेजी थी. उन्होंने ममता बनर्जी पर पश्चिम बंगाल को ‘पुलिस स्टेट’ में बदल देने का आरोप लगाया था. साथ ही ये भी कहा कि ममता बनर्जी का संवैधानिक मानकों को लेकर गैर वाजिब नजरिया ‘अधिनायकवाद’ को दर्शाता है.
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राज्यपाल ने चिट्ठी में संस्कृत के श्लोकों का हवाला भी दिया. उन्होंने लिखा है, “दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल ‘पुलिस स्टेट’ के तौर पर उभर रहा है. राज्य में जो सत्तारूढ़ हैं. बिना उनके मन के मुताबिक सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट करता है तो उसके दरवाजे पर पुलिस पहुंच जाती है.