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दिल्ली की शादियों में 20 गेस्ट, महाराष्ट्र में 50... 99% कार्यक्रम कैंसिल, लगी सरकार से ये गुहार

महाराष्ट्र और दिल्ली कोरोना और ओमिक्रॉन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, ऐसे में यहां कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. प्रतिबंधों के तहत शादियों में मेहमानों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है.

अमृतसर में कोरोना गाइडलाइन के तहत शादी करता एक जोड़ा (फाइल फोटो- पीटीआई) अमृतसर में कोरोना गाइडलाइन के तहत शादी करता एक जोड़ा (फाइल फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST
  • बीजेपी सांसद ने कहा- महाराष्ट्र सरकार का फैसला व्यावहारिक नहीं
  • दिल्ली में सरकार से शादियों से जुड़ी गाइडलाइन में बदलाव की मांग

पूरे देश में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में देश के तमाम राज्यों में प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. महाराष्ट्र और दिल्ली कोरोना और ओमिक्रॉन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, ऐसे में यहां कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. प्रतिबंधों के तहत शादियों में मेहमानों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है. दिल्ली में शादी में जहां 20 लोगों के शामिल होने की अनुमति है, तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में शादी जैसे आयोजनों में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है. लेकिन अब सरकारों के इस फैसले पर सवाल उठने लगे हैं. भाजपा सांसद ने महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को अव्यावहारिक बताया है. वहीं, बैंक्वेट हॉल और इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े लोगों ने सरकार से इन प्रतिबंधों से छूट देने की मांग की है. 

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महाराष्ट्र सरकार का फैसला अव्यावहारिक- भाजपा सांसद

बीजेपी सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने गुरुवार को उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि शादियों में मेहमानों की संख्या को 50 तक सीमित करने का फैसला किया गया है, वह अव्यवहारिक और दमनकारी है. महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना को लेकर 30 दिसंबर को गाइडलाइन जारी की थी. इसमें शादियों, समाजिक, राजनीतिक, धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं. शादी जैसे पहले से तय पारिवारिक कार्यक्रमों में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है. सहस्त्रबुद्धे ने कहा, यह पहले से तय योजना और आर्थिक कारकों पर प्रभाव डालता है. राज्यसभा सांसद सहस्त्रबुद्धे ने इन कार्यक्रमों में मेहमानों की संख्या को 50 से बढ़ाकर 100 करने की अनुमति मांगी है.

उन्होंने सवाल किया है कि जब बीच और मॉल में 50% क्षमता को अनुमति दी गई है, फिर शादियों में सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति क्यों? सहस्रबुद्धे ने कहा, शादियों में शामिल होने वाले परिवार के सदस्य आमतौर पर 50 से अधिक होते हैं, ऐसे में सरकार को इस फैसले पर विचार करते हुए संख्या को 100 तक बढ़ाना चाहिए. 

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शादी उद्योग को हो रहा नुकसान, केजरीवाल से गाइडलाइन में बदलाव की मांग

दिल्ली में शादी उद्योग से जुड़े संगठनों और लोगों ने सीएम अरविंद केजरीवाल से अपील की है कि कोरोना गाइडलाइन में शादियों को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों में बदलाव किया जाए. शादियों के सीजन में उद्योग निकाय ने सरकार को सिफारिश की है कि शादियों के दौरान किस तरह की सावधानियां बरती जा सकती हैं. 

शादी उद्योग से जुड़े निकाय ने सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि शादियों में 20 लोगों की अनुमति के चलते 99% शादियां रद्द हो रही हैं. सरकार से कहा गया है कि अन्य उद्योगों जैसे होटलों आदि में 50% कैपेसिटी का प्रावधान है, फिर शादियों में भी इसी तरह की छूट देनी चाहिए. इतना ही नहीं संगठनों ने सुझाव दिया है कि शादियों में वैक्सीन की दोनों डोज और मास्क को अनिवार्य किया जाए. इसके अलावा शादी से 48 घंटे पहले सभी का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाए. वेन्यू को भी दिन में दो बार सैनिटाइज किया जाए. 

 

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