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क्या WHO ने B.1.617 के लिए 'इंडियन वैरिएंट' शब्द यूज किया? स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया

देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. इसके पीछे कोरोना के नए स्ट्रेन B.1.617 को जिम्मेदार माना जा रहा है. आम भाषा में इसे इंडियन स्ट्रेन कहा जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को इस वैरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की थी. इस पर अब डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने 'इंडियन वैरिएंट' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था.

भारत में दूसरी लहर के पीछे B.1.617 को जिम्मेदार माना जा रहा है. (फाइल फोटो-PTI) भारत में दूसरी लहर के पीछे B.1.617 को जिम्मेदार माना जा रहा है. (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2021,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST
  • WHO ने B.1.617 को लेकर चिंता जाहिर की थी
  • डॉ. हर्षवर्धन बोले, इसे इंडियन स्ट्रेन नहीं कहा है

देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. हर दिन औसतन साढ़े तीन लाख से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. इसके पीछे कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन B.1.617 को जिम्मेदार माना जा रहा है. दुनियाभर में इसे 'इंडियन स्ट्रेन' कहा जा रहा है क्योंकि ये भारत में मिला है. मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से B.1.617 वैरिएंट को लेकर चिंता जाहिर की गई थी. जिसके बाद से ऐसी रिपोर्ट्स आ रही थीं कि डब्ल्यूएचओ ने 'इंडियन स्ट्रेन' को खतरनाक बताया है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात को नकारा है.

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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि डब्ल्यूएचओ ने B.1.617 के साथ 'इंडियन स्ट्रेन' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "डब्ल्यूएचओ ने अपने 32 पेज के दस्तावेज में चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत बी.1.617 के साथ “भारतीय वैरिएंट” शब्द नहीं जोड़ा है. कुछ समाचार माध्यमों में आई इस तरह की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं."

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वहीं, डब्ल्यूएचओ ने भी सफाई देते हुए कहा कि वो वायरस के स्ट्रेन के साथ किसी देश या जगह का नाम नहीं जोड़ते. डब्ल्यूएचओ के साउथ ईस्ट एशिया ऑफिस की तरफ से ट्वीट करते हुए कहा गया, "डब्ल्यूएचओ उन देशों के नाम के साथ वायरस या वैरिएंट की पहचान नहीं करता है, जहां वैरिएंट या वायरस सबसे पहले रिपोर्ट किए गए हैं. हम उन्हें उनके वैज्ञानिक नामों से ही रिफर करते हैं और आप सबसे भी ऐसा ही करने का अनुरोध करते हैं."

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दरअसल, मंगलवार को डब्ल्यूएचओ ने कोरोना की दूसरी लहर में भारत में फैल रहे स्ट्रेन को चिंताजनक यानी 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया था. संगठन का कहना था कि पिछले साल अक्टूबर में पाया गया ये वैरिएंट (B.1.617) ज्यादा संक्रामक लग रहा है. डब्ल्यूएचओ से जुड़ीं डॉ. मारिया वान केरखोव ने कहा है कि भारत में सामने आए कोरोना वायरस के B.1.617 वैरिएंट को 'निगरानी स्वरूप' की श्रेणी में रखा गया. ये वैरिएंट अब तक कई देशों में फैल चुका है. 

 

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