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COVID से यूरोप में हो सकती है 7 लाख और मौतें, WHO ने सर्दियों के लिए दी गंभीर चेतावनी

यूरोप में कोरोना के मामले क्‍यों बढ़ रहे हैं, इसकी कई वजह हैं. यूरोप में डेल्‍टा वेरिएंट के कारण वायरस तेजी से फैला. मास्‍क पहनने और फिजिकल डिस्‍टैंस को लेकर यहां ढिलाई बरती गई.

Coronavirus Coronavirus
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 23 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 8:11 PM IST
  • यूरोप में कोरोना के चिंताजनक हैं हालात
  • WHO ने दी है चेतावनी

Europe Coronavirus Update: विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के यूरोप ऑफिस (World Health Organization Europe office ) ने कोरोनावायरस (COVID-19) की मौजूदा स्थिति पर एक बड़ा अपडेट दिया है, कोपनहेगन में मौजूद WHO के यूरोप ऑफिस (WHO Europe Office) ने कहा है कि ठंड के बाद बसंत तक 7 लाख मौतें और हो सकती हैं. WHO यूरोप ने ये अनुमान 53 देशों को लेकर लगाया है.

वहीं WHO यूरोप ने ये भी कहा है कि अब लोग कोरोना संक्रमण को लेकर सुरक्षा नहीं बरत रहे हैं. अब अतिसंवेदशील लोगों को बूस्‍टर डोज दिए जाने की जरूरत है. वहीं उन लोगों को वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज देने की जरूरत है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है. इसके अलावा उन लोगों को बूस्‍टर डोज दिया जाना चाहिए जो 60 साल से ऊपर की उम्र वाले हैं. 

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#COVID19 vaccines are vital to curb severe disease & death, and reduce pressure on hospitals. But to prevent infection and transmission we need vaccines PLUS other protective 😷measures. Spoke to @dwnews today
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— Hans Kluge (@hans_kluge) November 21, 2021

वहीं जेनेवा में मौजूद विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अंतरराष्‍ट्रीय हेडक्‍वार्टर ने बूस्‍टर डोज पर इसके विपरीत बात कही है. WHO ने इस साल के अंत तक बूस्‍टर डोज पर रोक लगाने की बात कही है. क्‍योंकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्य संगठन का कहना है कि विकासशील देशों में भी वैक्‍सीन लगना जरूरी है, इन विकासशील देशों में अब भी वैक्‍सीन की कमी है.अमीर देशों के मुकाबले इन देशों में वैक्‍सीन की कमी बनी हुई है.

WHO Europe के Regional Director Dr. Kluge ने कहा यूरोप और मध्‍य एशिया में इस समय कोरोना की स्थिति बहुत ही चिंताजनक बनी हुई है. हमें ठंड के मौसम में में अभी इसका और सामना करना होगा. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यूरोप ने ये भी कहा कि लोगों को वैक्‍सीन लगवानी चाहिए. साफ सफाई का ध्‍यान रखना चाहिए. साथ ही सोशल डिस्‍टैसिंग का अब भी पालन करना चाहिए. Dr. Kluge ने कहा यूरोप और मध्‍य एशिया में कोरोना को लेकर हालात अब भी चिंताजनक हैं. यूरोप में पिछले एक सप्‍ताह के अंदर हर दिन 4200 मौतें हुई हैं. समूचे यूरोप में अब तक कोरोनवायारस के कारण 15 लाख लोग अपनी जान गवां चुके हैं. 

क्‍यों बढ़ रहे कोरोना केस 

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यूरोप में कोरोना के मामले क्‍यों बढ़ रहे हैं, इसकी तीन प्रमुख वजह हैं. यूरोप में डेल्‍टा वेरिएंट के कारण वायरस तेजी से फैला. मास्‍क पहनने और फिजिकल डिस्‍टैंस को लेकर यहां ढिलाई बरती गई. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (यूरोप) ने तीसरी वजह बताई कि अब भी लोगों ने वैक्‍सीनेशन नहीं करवाया है. इसलिए 25 देशों में बेड, और 53 में से 49 देशों में आईसीयू बेड की जरूरत अब से 1 मार्च 2022 के बीच पड़ेगी. 1 मार्च 2022 तक कुल मिलाकर 20 लाख मौतें कोरोना के कारण हो सकती हैं. 

 

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