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वुहान के वायरोलॉजी लैब के निदेशक का दावा, कोरोना के तीन जीवित स्ट्रेन थे मौजूद

वैज्ञानिकों का मानना है कि चीन के वुहान शहर में पहली बार यह वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ और एक अन्य स्तनीयजन्तु के माध्यम से लोगों के बीच फैला. इस महामारी की वजह से अब तक दुनिया भर में 340,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं जबकि लाखों लोग संक्रमित हैं.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
  • वुहान के वायरोलॉजी लैब पर बड़ा खुलासा
  • निदेशक ने किया दावा, कोरोना स्ट्रेन जीवित
  • तीन जीवित स्ट्रेन के जीवित होने का दावा

कोरोना वायरस फैलने को लेकर दुनिया के ज्यादतर देश चीन पर उंगली उठा रहे हैं क्योंकि चीन के वुहान शहर से ही इसकी शुरुआत हुई थी. अब वुहान के वायरोलॉजी लैब की निदेशक ने जो खुलासा किया है वो चौंकाने वाला है. चीनी वायरोलॉजी संस्थान के निदेशक ने कहा है कि कोरोना महामारी का स्रोत बैट कोरोना के तीन लाइव स्ट्रेन जीवित थे लेकिन इसमें से कोई भी इस नई वैश्विक महामारी से मेल नहीं खाता है.

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वैज्ञानिकों का मानना है कि चीन के वुहान शहर में पहली बार यह वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ और एक अन्य स्तनीयजन्तु के माध्यम से लोगों के बीच फैला. इस महामारी की वजह से अब तक दुनिया भर में 340,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं जबकि लाखों लोग संक्रमित हैं.

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के निदेशक ने राज्य के ब्रॉडकास्टर सीजीटीएन को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य लोगों द्वारा वायरस को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो पूरी तरह मनगढ़ंत हैं.
 
वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट की निदेशक वांग यनि ने 13 मई को ये इंटरव्यू दिया था जिसका प्रसारण बीते शनिवार को किया गया था. साक्षात्कार में  वांग यानि ने कहा कि वो वायरलॉजी के केंद्र पूरी तरह अलग जगह पर है जहां चमगादड़ों में कुछ कोरोना वायरस पाया गया था.

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उन्होंने कहा "अब हमारे पास जीवित वायरस के तीन स्ट्रेन हैं लेकिन SARS-CoV-2 के लिए उनकी उच्चतम समानता केवल 79.8 प्रतिशत तक है,"

प्रोफेसर शि झेंगली की अगुवाई में उनकी एक शोध टीम 2004 से बैट कोरोना वायरस पर शोध कर रही है और लगभग दो दशक पहले एक अन्य वायरस के प्रकोप के पीछे "सार्स के स्रोत ट्रेसिंग" पर यह शोध केंद्रित है.

 

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