
कोरोना के इलाज में बेहद प्रभावी मानी जा रही कॉकटेल एंटीबॉडीज के ह्युमन क्लिनिकल ट्रायल के लिए भारत की दिग्गज दवा निर्माता कंपनी जायड्स कैडिला (Zydus Cadila) ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अनुमति मांगी है.
गुजरात की दवा कंपनी Zydus Cadila ने ZRC-3308 के नाम से एंटीबॉडी कॉकटेल बनाई है. इस दवा को कोरोना के इलाज में काफी कारगर माना जा रहा है. जानवरों पर अबतक के परीक्षणों में पता चला है कि दो एंटी बॉडीज का मिश्रण ये दवा फेफड़े पर कोरोना वायरस के असर को कम करती है. दवा कंपनी के जायड्स कैडिला के अनुसार परीक्षण के दौरान इसे सुरक्षित बताया गया है.
क्या है कॉकटेल एंटीबॉडी
दरअसल कोरोना के इलाज में 70 फीसदी तक कारगर कही जाने वाली ये दवा दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज का मिश्रण है.
कैसे करती है काम
जब ये दवा मानव शरीर में जाती है तो शरीर में प्राकृतिक एंटीबॉडीज का नकल तैयार करती है. ये एंटीबॉडीज कोरोना वायरस को खत्म करने में सहायक सिद्ध होती है. बता दें कि मनुष्य का शरीर बीमारियों से लड़ने के लिए प्राकृतिक एंटीबॉडीज तैयार करता है.
कंपनी को चाहिए और परीक्षण डाटा
कंपनी का कहना है कि अबतक जानवरों पर किए गए परीक्षण के दौरान इस दवा की वजह से फेफड़ों पर कोरोना वायरस का असर कम हो गया था. अब इस परीक्षण को इंसानों पर किए जाने की जरूरत है.
कंपनी के एमडी श्रविल पटेल ने कहा कि कोरोना से जंग के इस मोड़ पर प्रभावी और सुरक्षित दवाओं के खोज की जरूरत है. इस बीमारी के उपचार के क्रमिक विकास को देखना और अन्य विकल्पों को तैयार करना जरूरी है ताकि मरीज की पीड़ा कम हो सके. हमें विश्वास है कि ZRC-3308 में इन चिंताओं का निदान करने की क्षमता है और एक सुरक्षित इलाज देने की योग्यता है.
Zydus Cadila भारत में इंसानों पर इस दवा का परीक्षण करना चाहती है. इसके लिए DCGI से अनुमति मांग रही है.