धौलपुर जिले के बाड़ी से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि वर्तमान में जब लड़कियां, लड़कों से कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं, हर क्षेत्र में आगे हैं तो फिर क्यों समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जो अभी भी दकियानूसी सोच रखते हैं.
धौलपुर जिले की बाड़ी कोतवाली में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें एक पुरुष ने बेटे की चाह में तीन शादियां रचा लीं. पहली बीवी से कोई संतान नहीं हुई तो उसने दूसरी शादी की और पहली पत्नी को घर से बाहर निकाल दिया. फिर दूसरी पत्नी से भी उसको कोई संतान नहीं मिल पायी तो उसने एक दलाल के माध्यम से एक युवती खरीद ली और तीसरी शादी कर ली.
लेकिन किस्मत का भी खेल देखिये कि तीसरी बीवी से भी उसे बेटा नहीं बल्कि बेटी हुई. बेटी के जन्म के बाद से नाराज पति अपनी तीसरी बीवी के साथ मार-पिटाई करने लगा और बेटी को मारने की धमकी देने लगा. पीड़ित पत्नी, अपनी 6 महीने की बच्ची को लेकर बाल कल्याण समिति में गुहार लगाने पहुंची है.
बाल कल्याण समिति सदस्य गिरीश गुर्जर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की पीड़ित महिला उसके पास आई थी. महिला ने बताया कि वो दिल्ली में एक सिलाई फैक्ट्री में काम करती थी. उसके साथ कमरे में एक लड़की भी रहती थी. फैक्ट्री में काम करने वाली एक महिला से उसका परिचय हुआ और बाद में वो महिला, लड़की को बहला-फुसलाकर आगरा ले आई. आगरा में पीड़ित महिला ने कई और सारी लड़कियों को देखा तो उसे शक हुआ. इसके बाद पीड़िता को साढ़े तीन लाख रूपये में धौलपुर के बाड़ी में मोहन नाम के युवक को बेच दिया. जिसके बाद मोहन ने और दूसरी लड़की से मोहन के छोटे भाई ने शादी कर ली.
पीड़ित महिला सीता (परिवर्तित नाम) ने आरोप लगाया है कि बच्ची के जन्म के करीब पांच महीने तक वो पति की पिटाई बर्दाश्त करती रही और इस दौरान उसने महिला थाने में पति की शिकायत भी की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद पति लगातार मेरी बेटी को मारने की धमकी देने लगा और हमें घर से बाहर निकाल दिया. इसके बाद बाल कल्याण समिति में न्याय की गुहार लगाई तब जाकर पति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ.
पीड़ित महिला के अनुसार, मोहन की पहली बीवी की कोई संतान नहीं होने पर तीन साल बाद उसे घर से बाहर कर दिया. इसके बाद उसने दूसरी शादी की, जो अपने साथ तीन बच्चों को भतीजा और भतीजी बताकर लाई. लेकिन बाद में उसकी पोल खुल गयी कि वो तीनों बच्चे उसके पहले पति के हैं. करीब 12 साल तक दूसरी पत्नी के भी संतान नहीं हुई तो उसे कहीं किराये के मकान में रखा.
पीड़िता ने बताया कि उसके देवर ने भी तीसरी शादी की है. देवर को भी पहली और दूसरी बीवी से संतान नहीं हुई. जिसके बाद तीसरी बीवी ने बेटी को जन्म दिया लेकिन देवर ने उसे स्वीकार कर अपने साथ रखा.