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बड़े अपराध

जेल में सजा काट रहे पूर्व पुलिस अफसर भाटी की मौत, राजा मानसिंह पर बरसाईं थी गोलियां

aajtak.in
  • 13 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST
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राजा मानसिंह हत्याकांड में दोषी पूर्व पुलिस अधिकारी कान सिंह भाटी की शनिवार को जयपुर में मौत हो गई. वह मथुरा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे थे. मथुरा जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद भाटी को जयपुर लाया गया था, जहां इलाज के दौरान मौत हो गई. इसी साल 22 जुलाई को ही पूर्व डीएसपी कान सिंह समेत 11 पुलिसवालों को राजा मानसिंह हत्याकांड में मथुरा की कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. 
 

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दरअसल,  21 फरवरी 1985 को भरतपुर के राजा मानसिंह का राजस्थान के डीग में एनकाउंटर कर दिया गया था. 1990 में यह मामला राजस्थान से बाहर मथुरा में ट्रांसफर कर दिया गया था. इस एनकाउंटर में 35 साल बाद कोर्ट का फैसला आया था.

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राजस्थान के भरतपुर में 20 फ़रवरी 1985 को अपने झंडे को कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा हटाने के बाद नाराज राजा मान सिंह ने उस समय प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर की जनसभा का मंच अपनी जीप से तोड़ दिया और उनके हेलिकॉप्टर को तोड़ दिया था.

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इसके बाद डीग क़स्बा, जहां से राजा विधानसभा चुनाव लड़ते थे, वहां राज्य सरकार की किरकिरी होने पर कर्फ्यू लगा दिया गया था. राजा मान सिंह 21 फ़रवरी 1985 को अपनी जीप में जिसे लोग विपन कहते थे, अपने समर्थकों व दामाद कुंवर विजय सिंह को लेकर पुलिस के सामने सरेंडर करने जा रहे थे. तभी डीग कस्बे की अनाज मंडी में राजा की गाड़ी को पुलिस अधिकारी डीएसपी कान सिंह भाटी ने अपनी टीम के साथ रोक लिया था. फिर राजा समेत कार में सवार लोगों पर पुलिस ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.

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पुलिस ने राजपरिवार के सदस्य राजा मान सिंह सहित उनके दो साथी ठाकुर सुमेर सिंह व ठाकुर हरी सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. लेकिन इसी बीच जीप में सवार राजा के दामाद कुंवर विजय सिंह बच गए. इसी मामले में मथुरा के न्यायालय में सीबीआई कोर्ट ने 35 साल बाद फैसला सुनाते हुए डीएसपी सहित 11 पुलिस कर्मियों को राजा व उसके दो साथियों की हत्या का दोषी करार दिया है.

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राजा मान सिंह, डीग से लगातार 7 बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे. राजा मान सिंह किसी भी पार्टी से टिकट नहीं लेते थे क्योंकि उनका मानना था कि उनकी भरतपुर रियासत हमेशा अजेय रही जिसे कोई जीत नहीं सका और किसी के अधीन नहीं रही. इसलिए वह भी किसी भी पार्टी के अधीन नहीं रहेंगे.

 

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राजा की हत्या के बाद पूर्वी राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व हरियाणा में दंगे शुरू हो गए जिसमें कई लोगों की मौत हुई. चूंकि राजा मान सिंह जाट समुदाय से ताल्लुक रखते थे इसलिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा तक इसकी आग फ़ैल गई और कई दिनों तक दंगे चलते रहे. बाद में सरकार को शिवचरण माथुर को सीएम पद से हटाना पड़ा और हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराई गई. 
 

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