
मीट कारोबारी मोईन कुरैशी के दुबई जाने की इजाजत देने वाले इमीग्रेशन अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. इस मामले में गृह मंत्रालय ने भी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही इंटेलीजेंस ब्यूरो इस बात की पड़ताल कर रहा है कि आखिर किसके आदेश के बाद मोईन कुरैशी को दुबई जाने की इजाजत दी गई थी.
बताया गया था कि बीते शनिवार को मोईन कुरैशी को दिल्ली एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन अधिकारियों और सीआईएसएफ ने उस वक्त रोक लिया गया था, जब वह दुबई जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा था. कुरैशी ने इमीग्रेशन अधिकारियों को कोर्ट का आदेश दिखाया था. इसके बाद अधिकारियों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इसकी सूचना दी.
वहीं ईडी अधिकारियों ने एयरपोर्ट पहुंचकर मोईन कुरैशी से पूछताछ किए जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, उनके वहां पहुंचने से पहले ही मोईन कुरैशी को रवाना कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि इमीग्रेशन ने कोर्ट का आदेश देखने के बाद मोईन को दुबई जाने वाली फ्लाइट में बैठने की इजाजत दी थी.
इंटेलीजेंस ब्यूरो को आशंका है कि मोईन कुरैशी सोची-समझी प्लानिंग के तहत दुबई भाग निकला है. यदि इंटेलीजेंस ब्यूरो की यह आशंका सही साबित होती है तो विजय माल्या के बाद मोईन कुरैशी के देश छोड़कर फरार होने से एक बार फिर इस मामले में सरकार की किरकिरी हो सकती है. इसी बीच गृहमंत्रालय ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है.