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'काबुल में घुसेंगे लड़ाके, रोकेंगे लूटपाट-अराजकता', तालिबान ने कहा-लोग और पुलिस न डरे

अब इन्हीं वादों के बीच तालिबान के प्रवक्ता ने टोलो टीवी को कहा है कि उसके लड़ाके काबुल में घुसेंगे. वो काबुल में जारी बवाल को शांत करेंगे, अराजकता को रोकेंगे और लूटपाट की घटनाओं पर लगाम लगा देंगे.

काबुल में घुसेंगे तालिबान के लड़ाके काबुल में घुसेंगे तालिबान के लड़ाके
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST
  • काबुल में घुसेंगे तालिबान के लड़ाके
  • प्रवक्ता बोला- रोकेंगे लूटपाट-अराजकता

अफगानिस्तान में तालिबान युग शुरू हो गया है. जो स्थिति आज से 20 साल पहले थी, अब फिर वहीं मंजर अफगानिस्तान की सड़कों पर देखने को मिल रहा है. एक-एक कर हर इलाके पर अपना कब्जा जमा रहा तालिबान अब काबुल पर नजर जमाए बैठा है. 'वादा' कर रहा है कि काबुल पर आक्रमण नहीं करेगा, बातचीत के जरिए समाधान निकालेगा.

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काबुल में घुसेंगे तालिबान के लड़ाके

अब इन्हीं वादों के बीच तालिबान के प्रवक्ता ने स्थानीय टोलो न्यूज से कहा है कि उसके लड़ाके काबुल में घुसेंगे. वो काबुल में जारी बवाल को शांत करेंगे, अराजकता को रोकेंगे और लूटपाट की घटनाओं पर लगाम लगा देंगे. इतना सबकुछ करने की तैयारी कर रहा तालिबान ये भी कह रहा है कि पुलिस और आम लोगों को इस कार्रवाई से डरने की जरूरत नहीं है.

ये बात किसी से नहीं छिपी है कि काबुल पर कब्जे का मतलब ही ये है कि अफगानिस्तान में तालिबान युग शुरू हो गया है. अगर तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमा लिया तो एयरपोर्ट से लेकर कई जरूरी सेवाएं सीधे उसके कंट्रोल में आ जाएंगी. ऐसे में अभी के लिए तालिबान का बातचीत वाला पैंतरा सिर्फ और सिर्फ दिखावा दिखाई दे रहा है और पूरी कोशिश है कि काबुल पर कब्जा जमा लिया जाए.

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तालिबानी प्रवक्ता ने क्या कहा?

जारी बयान में तालिबानी प्रवक्ता Zabihullah Mujahid ने कहा है कि लूटपाट और अराजकता को रोकने के लिए काबुल के कुछ इलाकों में हमारे लड़ाके घुसेंगे. हम सिर्फ उन्हीं इलाकों पर कब्जा करेंगे जिन्हें सेना ने पहले ही छोड़ दिया है.लोगों से अपील है कि वे ना डरें, पुलिस ना डरे. 

तालिबान के ये आश्वासन किसी को भी उनके खौफ से मुक्त नहीं कर पा रहे हैं. वैसे भी जब से अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया, स्थिति और ज्यादा विकट हो गई है. अंतरिम सरकार का गठन होना है, अली अहमद जलाली को सत्ता भी मिलनी है, लेकिन उस प्रक्रिया के पूरे होने तक कई समीकरण बदल सकते हैं. कोशिश जरूर है कि हिंसा ना हो लेकिन तालिबान पर कोई भी भरोसा करने को तैयार नहीं है. 

वैसे भी आजतक से बातचीत के दौरान तालिबानी प्रवक्ता कह गए कि उन्हें जलाली की सरकार स्वीकार नहीं है, ऐसे में इस अंतरिम सरकार के बनने पर शांति स्थापित होना मुश्किल लगता है.

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