
कुंभ के मौके पर संगम में डुबकी लगाकर अपनी आस्था को आयाम देते हैं लाखों करोड़ों श्रद्धालु. लेकिन यहां आकर उनका सामना होता है नागा साधुओं से. जिन्हें देखकर हर किसी के मन कश्मकश होती है. सवाल उठते हैं. सवाल ये है कि दुनिया जिन्हें नागा बाबा कहती है, आख़िर ये हैं कौन? इनकी दुनिया कैसी है? ये कहां रहते हैं? क्यों इंसान होते हुए भी ये समाज का हिस्सा नहीं बनते? तमाम सामाजिक बंदिशों और ज़िम्मेदारियों से दूर इनकी तिलस्मी दुनिया का सच आख़िर क्या है? तो बड़े ध्यान से देखिए, आज हम वारदात में इसी रहस्य से पर्दा उठाने जा रहे हैं.
राख से लिपटे. बिना लिबास वाले. माथे पे तिलक लगाए. हाथो मे त्रिशूल लिए. आंखों में गुस्सा. और जुबान पे हर हर महादेव. अपनी धुन में मगन होते हैं नागा बाबू. जटा-जूट धारी और निर्वस्त्र. भस्म इनका आभूषण है और जटा इनका मुकुट. सदियों से ये कुंभ की पहचान रहे हैं. अखाड़ा परंपरा को निभाने वाले नगा साधु आम दिनों में कहां रहते हैं. आम लोगों को इनके दर्शन कुंभ जैसे आयोजनों में ही क्यों होते हैं. नागा साधुओं को लेकर कुंभ जैसे मेले में बड़ी बेताबी से लोग इनके बारे में जानना चाहते हैं. तो हो जाइये तैयार क्योंकि आज हम आपको बताएंगे. नागा बाबाओं के बारे में हर वो बात जिनसे आप अनजान हैं.
कोई कैसे बनता है नागा? कहां रहते हैं नागा बाबा? क्यों ये कपड़ों को त्याग कर आकाश को अपना वस्त्र बना लेते हैं नागा बाबा? क्यों ये कपड़ों के नाम पर पूरे शरीर पर धूनी की राख लपेट लेते हैं?
कुंभ के तट पर नागा साधुओं का ये संसार सवालों से ज्यादा कौतुहल से भरा है. कौतुहल ये कि नागा साधुओं की विचित्र दुनिया का सच क्या है. कुंभ में एक साथ कहां से आते हैं इतने साधु. सवाल ये कि पवित्र स्नान के बाद आखिर कहां चले जाते हैं ये साधु. कुंभ के दौरान लोगों को सबसे ज्यादा नागा साधुओं की दुनिया आकर्षित करती है. नागा साधुओं को लेकर सवालों की फेहरिस्त लंबी है. मसलन..
क्या नागा साधु बनने के लिए कोई ट्रेनिंग होती है?
क्या नागा साधु अस्त्र शस्त्र में भी निपुण होते हैं?
क्या है नागा साधुओं की 108 डुबकियों का रहस्य?
शून्य डिग्री तापमान में कैसे रह लेते हैं नागा साधु?
क्या हिमालय की गुफाओं में है साधुओं का संसार
कुंभ भारतीय सभ्यता की ऐसी विशाल तस्वीर है. जिसमें आस्था के साथ रहस्य. रोमांच से भरी साधुओं की दुनिया आपको पग पग पर मिल जाएगी. तो चलिए आज आपको दिखाएंगे नागा साधुओं के विचित्र संसार की चकित कर देने वाली झांकी.
मगर कुंभ में एक से बढकर एक बाबा, और उससे भी बढकर उनका रहस्यमयी संसार. कोई चुप रहकर बन गया है साइलेंट बाबा तो कोई गोल्ड से लदकर बन गया है गोल्डन बाबा, कोई एक टांग पर सालों खडे होकर बना है खड़ेश्वर बाबा तो किसी ने सालों से सीधा नहीं किया अपना एक हाथ. तो किसी ने अपने सिर को बना लिया है जंगल. उन्हें देखेंगे, उनके बारे में सोचेंगे तो बस हैरान होकर रह जाएंगे.
इनसे मिलिए रुद्राक्ष की मालाओं और उनकी संख्या देखकर अब अचम्भे में पड़ गए होंगे कि आखिर ये क्या बला है. ये रुद्राक्ष बाबा का तिलिस्म हैं. इनसे मिलिए ये सोने के कोई व्यापारी नहीं बल्कि एक बाबा है अपनी मौजूदगी से हर कुभ की शान बढाते हैं. शरीर पर सोना इतना ज्यादा है दुनिया इन्हें गोल्डन बाबा के नाम से जानती है.
प्रयागराज की धऱती पर बाबाओं का अद्भुत संसार सजा है. तरह तरह के बाबा यहां पहुंचे हैं. इस कुंभ में आध्यात्मिक गोता लगाने के लिए एक से बढकर एक संत महात्मा पहुंचे हुए हैं. लेकिन उसमें भी कुछ साधु बेहद खास है. इनसे मिलिए, जितना खुद का वजन, शायद उसके बराबर ही वजह होगा इनके शरीर पर बसे रुद्राक्षों की. इन रुद्राक्षों की संख्या जानकर आप हैरान रह जाएंगे. एक दो हजार नहीं बल्कि कुल 11 हजार रुद्राक्ष की माला ये बाबा पहनते हैं. और गर्मी हो या सर्दी इतने रुद्राक्षों को धारण करने के बाद अपनी धुनी रमाते हैं.
गले में रुद्राक्ष तो सभी पहनते हैं, कहते हैं कि ब्लड प्रेशर में राहत मिलती है लेकिन ये बाबा तो सर पर जैसे राजमुकुट की तरह रुद्राक्ष मुकुट धारण किए बैठे हैं। एक नजर में देखकर ऐसा लगता है कि बाबा के शरीर पर कपड़ों की जगह रुद्राक्ष ने ले ली है. अपने आप में बेहद अनूठे हैं ये बाबा.
प्रयाग राज की धरती पर ऐसे बाबाओं की बाढ़ आई हुई है. विदेशों से आए लोग इन बाबाओं के हठ को देखकर अचंभित हैं. बाबाओं की ये दुनिया लोगों को खूब लुभा रही है. हाल ये है कि इन अद्भुत बाबाओं की तस्वीरे लेने की होड़ लगी है. टीवी के कैमरे इन बाबाओं पर हैं और दुनिया की नजरें ऐसे बाबाओं के अचंभित कर देने वाली तस्वीरें देखकर दंग है.