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फलाहारी बाबा भी निकले बलात्कारी, मिली उम्रकैद की सजा

कथित संत स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी महाराज उर्फ़ फलाहारी बाबा. नाम पर मत जाइएगा. गलतफहमी हो सकती है. बस इतना समझ लीजिए कि करम वैसे ही हैं, जो आसाराम से लेकर राम रहीम तक के रहे. बलात्कार का दोषी पाए जाने के बाद बाबा अब जेल में हैं.

करीब 8 माह की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी बाबा को दोषी करार देते हुए फैसला सुनाया करीब 8 माह की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपी बाबा को दोषी करार देते हुए फैसला सुनाया
परवेज़ सागर/सुप्रतिम बनर्जी
  • नई दिल्ली,
  • 28 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST

हिंदुस्तान में लोगों आस्था से खेलना बड़ा आसान है. तभी तो देश के नेता भाषण से और ढोंगी बाबा सालों-साल अपने प्रवचन से खेल रहे हैं. ये लफ्ज़ थोड़े तल्ख़ ज़रूर हैं मगर यही सच है. वरना सालों के इतिहास में बेशुमार फर्ज़ी बाबाओं का भंडाफोड़ होने के बावजूद ये सिलसिला क्यों नहीं थमता? हमारे मुल्क में ऐसे बाबाओं की लंबी फेहरिस्त है. मगर अब जिस बाबा पर पाखंडी होने की मुहर कोर्ट ने लगाई है, उसका तो नाम भी फलाहारी है. यानी सिर्फ़ फल खाकर ज़िंदा रहने वाले बाबा. लेकिन इसके नाम पर मत जाइएगा. बस इतना समझ लीजिए कि इसके भी करम वैसे ही हैं, जो आसाराम से लेकर राम रहीम तक के रहे. इसीलिए अब इन बाबा को भी बलात्कार के इल्ज़ाम में कोर्ट ने ताउम्र सलाखों के पीछे सड़ने की सज़ा सुनाई है.

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अब ज़िंदगी भर जेल में ही धुनी रमाएंगे बाबा

अपनी शिष्या से बलात्कार की कोशिश के मामले में कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा को उसके किए की सज़ा अलवर अदालत ने दे दी है. सेशन कोर्ट ने बाबा को उम्रकैद की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है. अदालत ने बाबा को आईपीसी की धारा 376 (2च) यानी बलात्कार और धारा 506 यानी धमकी देने के तहत दोषी माना है. आपको बता दें कि 22 जनवरी 2018 को आरोपी फलाहारी महाराज पर आरोप तय किए गए थे. मगर बाबा को दोषी करार देने में कोर्ट इसके आठ महीने में सुनवाई पूरी करते हुए आज कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है.

गुरुज्ञान देने के लिए विशेष पूजा

दरअसल मामला पिछले साल यानी 2017 की 11 सितंबर का है जब बिलासपुर की 21 साल की पीड़िता ने छत्तीसगढ़ के महिला थाना में 0 नंबर एफआईआर दर्ज करवाई थी और बाबा के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाया था. पीड़ित लड़की लॉ की स्टूडेंट है. और फलाहारी बाबा ने ही दिल्ली में एक बड़े वकील के यहां उसकी इंटर्नशिप करवाई. तीन महीने की इस इंटर्नशिप में पीड़िता को पैसे भी मिले. पिता ने पीड़िता से ये पैसे फलाहारी के आश्रम में दान करने को कहा. जिसके बाद पीड़िता 7 अगस्त, 2017 को फलाहारी के आश्रम में पहुंची. वहां फलाहारी ने उसे कहा " रात को यहीं रुकना है, मैं गुरुज्ञान देने के लिए पूजा करूंगा.

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जीभ पर शहद से लिखा था ओम

फलाहारी बाबा के कहने पर पीड़िता उस रात वहीं रुक गई.. रात को बाबा ने पीड़िता को अपने कमरे में बुलाया और दूसरे सभी लोगों को बाहर जाने को कहा. लड़की के मुताबिक बाबा ने उसकी जीभ पर शहद से ओम लिखा और कहा कि इससे सारी विद्या उसके भीतर चली जाएगी.

ऐसे हुई बाबा की गिरफ्तारी

इसके बाद फलाहारी ने लड़की के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी. अगले दिन पीड़िता अपने घर बिलासपुर चली गई. कई दिन तक सोचने के बाद उसने 11 सितंबर को बिलासपुर महिला पुलिस थाने में फलाहारी के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया. मामला दर्ज होने की खबर मिलते ही फलाहारी ने बीमार होने का नाटक किया और अस्पताल में भर्ती हो गया. डॉक्टरों ने उसे एकदम स्वस्थ बताया, जिसके बाद पुलिस ने 23 सितंबर 2017 को उसे गिरफ्तार कर लिया..

रेप के लिए बाबा को मिली उम्रकैद की सज़ा

बाबा के राजनीतिक पार्टियों से काफी अच्छे संबंध थे. प्रधानमंत्री से लेकर देश के कई माने जाने लोगों को के साथ उसकी तस्वीरें हैं. लिहाज़ा बाबा इन संबंधों को इस्तेमाल कर के बचना चाह रहा था. मगर कोर्ट ने बाबा को उसकी असली जगह दिखा दी. यानी जेल. वो भी उम्र भर के लिए.

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अब जेल के आहार पर ज़िंदा रहेंगे फलाहारी

हालांकि फलाहारी ने पूरी कोशिश की वो इस मामले से बच निकले. यहां तक की उसने खुद को नामर्द तक बता डाला. मगर कोर्ट ने पीछा नहीं छोड़ा. बाबा का पोटेंसी टेस्ट करवाया गया. जिसमें बाबा की तरकीब पकड़ी गई. जिसके बाद 15 दिसंबर, 2017 को इस केस में चार्जशीट दायर की गई. मार्च, 2018 में मामले में पीड़िता के बयान दर्ज हुए. और 26 सितंबर को कोर्ट ने केस की सुनवाई पूरी करते हुए फलाहारी को दोषी करार देते हुए सज़ा सुना दी. अब उसे सारी उम्र जेल का आहार खाना पड़ेगा.

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