![प्रीति राठी [फाइल फोटो]](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/201906/preeti_rathi_1560353716_749x421.jpeg?size=1200:675)
साल 2013 के प्रीति राठी तेजाब हमले मामले में दोषी अंकुर नारायणलाल पंवार को अब उम्र कैद की सजा काटनी होगी. इससे पहले प्रीति राठी के हत्यारे को मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने अब पंवार की सजा बदल दी है.
न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रकाश डी नाइक की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'पंवार को आईपीसी धारा 302 (हत्या) और 326 (बी) (स्वैच्छिक रूप से एसिड के उपयोग से गंभीर रूप से चोट पहुंचाना) के तहत दोषी ठहराया जाता है. वहीं मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला जाता है.'
सजा-ए-मौत दिए जाने के बाद जब मौत की सजा की पुष्टि के लिए याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंची तो पंवार ने सजा के खिलाफ अपील दायर कर दी. मौत की सजा के खिलाफ बहस करते हुए उनके वकीलों ने तर्क दिया था कि पंवार का राठी की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन केवल उसे घायल करना चाहता था. जांचकर्ताओं के मुताबिक पंवार ने राठी को शादी का प्रस्ताव दिया था, लेकिन राठी के इनकार से पंवार नाराज हो गया था.
बता दें कि साल 2016 में एक विशेष महिला अदालत ने पंवार को मौत की सजा सुनाई थी. यह पहला ऐसा मामला था, जिसमें एसिड अटैक के आरोपी को दोषी पाए जाने के बाद मौत की सजा दी गई थी. पंवार ने 2 मई 2013 को बांद्रा रेलवे स्टेशन पर 23 वर्षीय प्रीति राठी पर एसिड फेंक दिया था. राठी का चयन भारतीय नौसेना के कोलाबा स्थित आईएनएस अश्विनी अस्पताल में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ था. वह नौकरी के लिए मुंबई आई थी.
मई 2013 में एसिड हमले के बाद राठी करीब एक महीने तक अस्पताल में भर्ती रहीं. लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी और बाद में उसकी मौत हो गई थी. तेजाब से बुरी तरह जल जाने के कारण एक जून को उसकी मौत हो गई थी. पंवार को वारदात के आठ महीने बाद 17 जनवरी 2014 को नई दिल्ली स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया गया था.