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इस 'कातिल' हसीना से थर-थर कांपता है ISIS का सरगना बगदादी

इराक और सीरिया की सरज़मीं पर अब होने जा रहा है सबसे बड़ा घमासान. जी हां, बगदादी के बचे-खुचे अड्डों को श्मशान बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए होने जा रही है अग्निवर्षा, लेकिन बगदादी पर बरस रही इस कयामत के बारे में बताएं उससे पहले आइए उससे मिलते हैं जिसके डर से बग़दादी भागा-भागा फिर रहा है. ना सिर्फ़ भागा-भागा फिर रहा है बल्कि जिसके सिर पर खुद बग़दादी ने 7 करोड़ का इनाम भी रख दिया है.

ज़ोआन पलानी ज़ोआन पलानी
मुकेश कुमार/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:31 PM IST

इराक और सीरिया की सरज़मीं पर अब होने जा रहा है सबसे बड़ा घमासान. जी हां, बगदादी के बचे-खुचे अड्डों को श्मशान बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए होने जा रही है अग्निवर्षा, लेकिन बगदादी पर बरस रही इस कयामत के बारे में बताएं उससे पहले आइए उससे मिलते हैं जिसके डर से बग़दादी भागा-भागा फिर रहा है. ना सिर्फ़ भागा-भागा फिर रहा है बल्कि जिसके सिर पर खुद बग़दादी ने 7 करोड़ का इनाम भी रख दिया है.

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जोआन पलानी नाम की महिला की खूबसूरत तस्वीरें भी किसी को डरा भी सकती हैं? क्या उसको देख कर कोई मारे घबराहट के थर-थर कांप सकता है? ये सवाल अजीब लग सकते हैं. वजह ये है कि मुस्कुराते चेहरे, दिलकश अदाओं वाली इस लड़की पर तो किसी का भी दिल फिसल सकता है. डर की बात कहां से आई? लेकिन यहां कहानी ज़रा हट कर है. इस लड़की की यही तस्वीरें दुनिया के सबसे ख़ौफ़नाक आतंकवादियों को बुरी तरह से डरा रही हैं.

कुछ इतनी बुरी तरह कि अब इस लड़की से निजात पाने के लिए इन जल्लादों के सरगना यानी बग़दादी ने उसके सिर पर पूरे 1 मीलियन डॉलर यानी क़रीब 7 करोड़ रुपये का इनाम रख छोड़ा है. लेकिन फिर सवाल ये है कि आख़िर इस लड़की में ऐसा क्या है, जो इसका ख़ौफ़ किसी साये की तरह आईएसआईएस के मुखिया बग़दादी और उसके जल्लादों का पीछा कर रही है? तो इस सवाल का जवाब जानने के लिए इसी लड़की की असलियत जाननी जरूरी है.

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नाम- ज़ोआन पलानी
उम्र- 23 साल
पहचान- डेनमार्क की कॉलेज गर्ल और अब कुर्दिश फाइटर

असल में कुर्दिश मूल की ये लड़की यूरोपीय मुल्क डेनमार्क की रहनेवाली है. वहां वो अब से करीब डेढ़ साल पहले तक एक कॉलेज जानेवाली मामूली लड़की थी., लेकिन जब उसने सीरिया और इराक़ जैसे मुल्कों में आईएसआईएस की ज़्यादती की कहानियां सुनी तो उससे रहा नहीं गया और वो क़रीब डेढ़ साल पहले सीधे डेनमाक्र से निकल कर इराक़ जा पहुंची, जहां फ़ौजी तालीम लेने के बाद वो कुर्दिश फाइटरों के साथ मिलकर आईएसआईएस के खिलाफ़ सीधे मैदान-ए-जंग में उतर गई.

इसके बाद तो ज़ोआन पलानी नाम की इस लड़की ने ऐसा कोहराम मचाया कि आज भी उसका ख़ौफ़ आईएसआईएस के आतंकवादियों का पीछा कर रहा है. उसने आमने-सामने की लड़ाई में सौ से ज़्यादा आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया. खिसियाकर बगदादी ने उसे मारनेवाले को 7 करोड़ रुपये इनाम देने का ऐलान कर दिया. लेकिन ये ज़ोआन की कहानी का सिर्फ़ एक पहलू है. दूसरा पहलू ये है कि उसे आतंक के खिलाफ़ जंग छेड़ने की क़ीमत अपने ही मुल्क डेनमार्क में चुकानी पड़ रही है.

फिलहाल वो कोपेनहेगन की जेल में बंद है. उसके खिलाफ़ वहां की अदालत में मुकदमा भी चल रहा है. यदि उसका गुनाह साबित हो जाता है तो उसे दो साल तक की क़ैद भी हो सकती है. दरअसल, डेनमार्क का क़ानून अपने नागरिकों को देश से बाहर जाकर किसी से जंग लड़ने की इजाज़त नहीं देता, जबकि ज़ोआन ने कुछ ऐसा ही किया है. ये और बात है कि ज़ोआन अपनी जंग को ज्यादती के खिलाफ़ इंसानियत की जंग मानती है और उसे अपने किए का कोई मलाल नहीं है.

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