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बटला हाउस केस में आतंकी आरिज को फांसी, दिल्ली की साकेत कोर्ट का फैसला

बटला एनकाउंटर केस में आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है. आरिज खान को कोर्ट ने 8 मार्च को दोषी करार दिया था.

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अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 15 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST
  • आरिज खान को कोर्ट ने 8 मार्च को दोषी करार दिया था
  • बटला हाउस एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 को हुआ था

बटला एनकाउंटर केस में आरिज खान को फांसी की सजा सुनाई गई है. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना है. आरिज खान को कोर्ट ने 8 मार्च को दोषी करार दिया था.

आतंकी आरिज खान पर कोर्ट ने 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें 10 लाख रुपये इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के परिवार को दिए जाएंगे. इस मामले में इससे पहले आरोपी शहजाद अहमद को 2013 में सजा हुई थी. जबकि इनके 2 साथी आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे.

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बता दें कि दिल्ली में साल 2008 में हुए बटला हाउस एनकाउंटर केस के बाद आरिज भाग गया था, साल 2018 में उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया था. इस एनकाउंटर मामले में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की जान चली गई थी, जबकि पुलिसकर्मी बलवंत सिंह-राजवीर को भी जान से मारने की कोशिश की गई थी. इस फैसले के बाद सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है.

कौन है आतंकी आरिज खान?

अगर इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी आरिज खान की बात करें, तो साल 2008 में दिल्ली-जयपुर-अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में जो धमाके हुए थे, उनके मुख्य साजिशकर्ताओं में आरिज का नाम था. इन सभी धमाकों में कुल 165 लोगों की जान गई थी, जबकि 535 लोग घायल हुए थे. 

धमाकों के बाद तब आरिज पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिए रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ था. आजमगढ़ के रहने आरिज खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया.

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कैसे हुआ था बटला हाउस एनकाउंटर

गौरतलब है कि बटला हाउस एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 की सुबह हुआ था. तब स्पेशल सेल को एक सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के कुछ आतंकी बटला हाउस इलाके के एक मकान में छिपे हुए हैं. इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा समेत कई पुलिस अधिकारी उस वक्त मौके पर पहुंचे और आतंकियों को घेरने का प्लान बनाया. 

तब आतंकियों के साथ बाटला हाउस के मकान नंबर L-18 में मुठभेड़ हुई, दो आतंकी मारे गए. जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. तब से अबतक ये मामला अदालत में चल रहा था. 

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