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ISIS की साजिश का खुला राज, देश में बढ़ी सुरक्षा

आजाद हिंदुस्तान के इतिहास में जम्हूरियत के जश्न (गणतंत्र दिवस) की सुरक्षा का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू हो चुका है. ऑपरेशन सरहद से लेकर शहर तक की हिफाजत का है. गणतंत्र दिवस का जश्न राजपथ पर मनाया जाना है. लेकिन पूरा देश इस वक्त हाई अलर्ट पर जी रहा है.

राजधानी दिल्ली में बढ़ी सुरक्षा राजधानी दिल्ली में बढ़ी सुरक्षा
सना जैदी
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 2:09 AM IST

दुनिया के चार सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन अगर एक साथ किसी देश को निशाना बनाने के फिराक में हों तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि खतरा कितना बड़ा होगा. देश इस वक्त उसी सबसे बड़े खतरे से दो-चार है. आईएसआईएस, अल-कायदा, लश्कर और जैश जैसे आतंकवादी संगठनों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के कई हिस्सों को दहलाने की खौफनाक साजिश रची है.

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आजाद हिंदुस्तान के इतिहास में जम्हूरियत के जश्न (गणतंत्र दिवस) की सुरक्षा का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू हो चुका है. ऑपरेशन सरहद से लेकर शहर तक की हिफाजत का है. गणतंत्र दिवस का जश्न राजपथ पर मनाया जाना है. लेकिन पूरा देश इस वक्त हाई अलर्ट पर जी रहा है. पिछले चार दिनों में ही आतंक के नापाक गठजोड़ के 18 संदिग्ध आतंकवादी देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किए जा चुके हैं. गिनती अभी खत्म नहीं हुई है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल खुद इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं. एनआईएए की अगुआई में दिल्ली समेत तमाम राज्यों की पुलिस आतंकवादियों की धर-पकड़ में दिन-रात एक किए हुए हैं.

दरअसल सुरक्षा एजेंसियों को अचानक फेसबुक पर चल रही एक बातचीत की भनक लगी जिसमें एक लाइन बेहद अजीब थी. वो लाइन थी सात कलश रख दो. इसके बाद जैसे ही इस कोड को डीकोड किया गया पूरी साजिश बेपर्दा हो गई. 'सात कलश रख दो' ये वो एक लाइन थी जिसने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए. इसी एक लाइन को पकड़ कर जब जांच आगे बढ़ी तो फिर आंतक की साजिश की वो परतें खुलीं जिसने पूरे देश को चौंका दिया. इसी के बाद गिरफ्तारी का वो सिलसिला शुरू हुआ जिसकी गिनती 18 के बाद भी जारी है.

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दरअसल अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए पिछले कुछ वक्त से लगातार आईएसआईएस की निगरानी कर रही थी. इसी के तहत पश्चिमी एशियाई देशों में आईएसआईएस की हिमायत में चलने वाले फेसबुक अकाउंट और टेलीफोन इंटरसेप्ट किए जा रहे थे. इस काम में हिंदुस्तानी एजेंसियां भी सीआईए की मदद कर रही थीं. निगरानी के दौरान सीआईए ने सीरिया, इराक और हिंदुस्तान समेत कई मुल्कों में आईएस के सैकड़ों आईपी एड्रेस को ट्रैक कर लिया. इन आईपी एड्रेसेस से फेसबुक और दूसरे टूल्स का भी इस्तेमाल हो रहा था. इन्हीं में से एक का इस्तेमाल आईएस कमांडर सफी अरमार उर्फ युसूफ अल-हिंदी भी कर रहा था.

अरमार और उत्तराखंड में रहने वाले अखलाक नाम के एक शख्स के बीच फेसबुक पर हुई एक बातचीत को इंटरसेप्ट किया गया. इसमें लिखा था 'सात कलश रख दो.' सीआईए ने सात कलश के कोड को डीकोड करने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों से संपर्क किया और उन्हें इस बातचीत की जानकारी दी. जानकारी मिलते ही हरिद्वार और रुड़की में एनआईए ने छापेमारी की वहां से अखलाक समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनकी गिरफ्तारी के बाद ही पहली बार खुलासा हुआ कि सात कलश रख दो का मतलब सात जगह बम रखना था.

गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके बाकी साथी आतंकवादियों ने फौरन जगह बदलना शुरू कर दिया. लेकिन अखलाक और उसके साथियों की निशानदेही पर छापेमारी का सिलसिला जारी रहा. ये छापे दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ और टुमकूर जैसी जगहों पर मारे गए. इन जगहों से 14 और आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया गया. अब तक कुल 18 संदिग्ध आतंकवादी पकड़े जा चुके हैं. छापेमारी का सिलसिला अब भी जारी है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक अब तक की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये देश भर में पेरिस की तरह आतंकवादी हमला करना चाहते थे.

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इस बार गणतंत्र दिवस के खास मेहमान फ्रांस के राष्ट्रपति है. चौतरफा खतरे को देखत हुए दिल्ली को लगभग छावनी में बदल दिया गया है. जमीन से लेकर आसमान तक दिल्ली की निगरानी की जा रही है. गणतंत्र दिवस का ये आयोजन देश के लिए जितना खास है उतना ही आतंकवादी हमले को नाकाम कर खुशियों के इस त्यौहार को सही तरीके से मनाना तमाम सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

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