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जिंदा बीवी को सूटकेस में किया पैक, टूटे हैंडल ने प्लान पर फेरा पानी... बेंगलुरु मर्डर केस में नए ट्विस्ट, 3 खुलासे दिमाग घुमा देंगे!

Bengaluru Murder Case: बेंगलुरु में अपनी पत्नी को चाकू मार कर पुणे भागने वाले आईटी प्रोफेशनल की कहानी में नया ट्विस्ट आ गया है. पता चला है कि राकेश खेडेकर ने अपनी पत्नी गौरी को छह बार चाकू मारने के बाद उसे मरा समझ कर सूटकेस में पैक कर दिया था, जबकि उसकी सांसें चल रही थी.

बेंगलुरु मर्डर केस में तीन नए खुलासे! बेंगलुरु मर्डर केस में तीन नए खुलासे!
आजतक ब्यूरो
  • बेंगलुरु,
  • 01 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 8:42 PM IST

बेंगलुरु में अपनी पत्नी को चाकू मार कर पुणे भागने वाले आईटी प्रोफेशनल की कहानी में नया ट्विस्ट आ गया है. पता चला है कि राकेश खेडेकर ने अपनी पत्नी गौरी को छह बार चाकू मारने के बाद उसे मरा समझ कर सूटकेस में पैक कर दिया था, जबकि उसकी सांसें चल रही थी. गौरी को सूटकेस में पैक करने के बाद उसे मरा समझ कर राकेश उससे देर तक बातें करता रहा और उधर गौरी सूटकेस के अंदर सांस लेने के लिए छटपटाती रही. अब इस केस जुड़ी कुछ बातें तो और भी ज्यादा चौंकाने वाली हैं.

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बेंगलुरु के रहने वाले राकेश और गौरी की शादी करीब दो साल पहले हुई थी. दोनों मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले थे, लेकिन काम-काज के सिलसिले में दो महीने पहले ही बेंगलुरु शिफ्ट हुए थे. दिक्कत ये थी कि दोनों के बीच अक्सर छोटी-मोटी बातों को लेकर तेज लड़ाइयां हुआ करती थीं. ऐसा तब था जब दोनों एक दूसरे को शादी के पहले से जानते थे और ये उनकी लव मैरिज थी, लेकिन रोज-रोज का झगड़ा किसी रोज दोनों में से एक की मौत की वजह बन जाएगा, ये किसी ने नहीं सोचा था. 

26 मार्च की रात को दोनों के बीच फिर से किसी बात को लेकर लड़ाई हुई. अपनी आदत के मुताबिक गौरी ने अपने पति राकेश को पीटना शुरू कर दिया. राकेश ने अब से पहले कभी गौरी की इन हरकतों पर ज्यादा रिएक्ट नहीं किया था, लेकिन इस दिन न जाने उसे क्या हुआ, वो किचन से जाकर चाकू उठा लाया और उसने उसी चाकू से गौरी पर ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए. देखते ही देखते गौरी बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ी. चाकुओं के हमले से उसकी जान जा चुकी थी.

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कुछ देर के लिए तो राकेश को समझ ही नहीं आया कि आखिर ये क्या हुआ? लेकिन अब जो होना था, वो हो चुका था. अब चीजों को ठीक करने की कोई गुंजाइश नहीं थी. रोज-रोज का झगड़ा खत्म हो चुका था. गौरी राकेश से हमेशा हमेशा के लिए दूर जा चुकी थी. अब राकेश गौरी की लाश को ठिकाने लगाने की साजिश रचने लगा. उसने सोचा कि क्यों ना उसकी लाश किसी सूटकेस में पैक कर उसे कहीं निपटा दिया जाए. दुनिया को गुमशुदगी की कोई कहानी सुना दी जाए.

उसने आनन-फानन में घर में रखा बड़ा सा सूटकेस निकाला, उसे खाली किया और उसमें गौरी की लाश ठूंस कर भर दी. वो रात को ही निकल जाना चाहता था, लेकिन तकदीर ने ऐन मौके पर धोखा दे दिया. सूटकेस का हैंडल टूट कर उसके हाथों में आ गया. अब वो सोच में पड़ गया. बगैर हैंडल के इतनी भारी सूटकेस को घसीटना और उसमें रखी लाश को ठिकाने लगाना उसके लिए नामुमकिन सी बात थी. वो देर रात तक सूटकेस के पास बैठ कर गौरी की लाश से बातें करता रहा.

27 मार्च को भोर से पहले, राकेश ने गौरी को वहीं सूटकेस में पैक छोड़ कर अपनी कार से होमटाउन पुणे का रास्ता ले लिया. इसके आगे क्या हुआ, राकेश की पोल कैसे खुली? गौरी की लाश का क्या हुआ? ये सारी बातें आपको आगे बताएंगे, लेकिन पहले ये जान लीजिए कि इस मामले की तफ्तीश में ऐसी कौन सी बातें सामने आईं, जिसने पुलिसवालों का भी दिमाग घुमा दिया.

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पहली बात सूटकेस में भरते वक्त जिंदा थी गौरी

पुलिस ने जब बेंगलुरु के मकान से सूटकेस में बंद गौरी की लाश बरामद की, तो फॉरेंसिक जांच के दौरान ये देख कर चौंक गई सूटकेस में म्यूकस यानी बलगम मौजूद था. ऐसा आम तौर पर तभी होता है, जब इंसान जिंदा हो. क्योंकि मर जाने पर इंसान की सांसें रुक जाती हैं और इससे बलगम के बाहर आने की संभावना भी कम हो जाती हैं. लेकिन अगर किसी को जिंदा हालत में सूटकेस जैसी किसी चीज के अंदर बंद कर दिया जाए, तो वो सांस लेने की कोशिश करता है.

इस कोशिश में अक्सर म्यूकस बाहर आ जाता है. यानी उस रात जब गौरी को चाकू मारने के बाद उसे को सूटकेस में पैक करने के बाद राकेश उसे ठिकाने लगाने की कोशिश में लगा था, तब गौरी जिंदा थी. यहां तक कि जब राकेश देर रात तक गौरी को लाश समझ कर उससे अकेले में बातें करता रहा, तब भी गौरी की सांसें चल रही थीं.

दूसरी बात सूटकेस के टूटे हैंडल ने बदला इरादा

उस रोज राकेश सूटकेस में भरी अपनी बीवी गौरी की लाश को ठिकाने लगाने के लिए अपने साथ लेकर जाना चाहता था. लेकिन ये सूटकेस का हैंडल था, जिसने सारा खेल बिगाड़ दिया. राकेश को लाश ठिकाने लगाने की अपनी प्लानिंग की ड्रॉप करनी पड़ी. इस मामले की जांच कर रही पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स जब मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि गौरी की लाश जिस सूटकेस में भरी हुई है, उस सूटकेस का हैंडल टूटा हुआ है. पुलिस टूटे हैंडल के नट-बोल्ट भी मौके पर पड़े मिले. इससे अब पुलिस को आशंका है कि इस टूटे हैंडल की वजह से राकेश ने गौरी की लाश को ठिकाने लगाने का आईडिया ड्राप कर दिया.

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तीसरी बात गौरी को मारे थे छह बार चाकू

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गौरी की 6 बार चाकू मारे जाने की बात सामने आई है. डॉक्टरों ने बताया है कि गौरी को 3 चाकू गले में, जबकि तीन उसके पेट के निचले हिस्से में मारे गए. जिससे काफी सारा खून बह गया. हालांकि उसकी मौत की सही-सही वजह क्या है, पुलिस ने अभी इसका खुलासा नहीं किया है. कहने का मतलब ये कि गौरी की मौत दम घुटने की वजह से गई या फिर ज्यादा खून बहने की वजह से, ये बात अभी सामने आनी बाकी है. 

आइए अब बताते हैं कि आखिर इस हाई प्रोफाइल और रहस्यमयी कत्ल के मामले का खुलासा आखिर कैसे हुआ?

बेंगलुरु पुलिस के कंट्रोल रूम में गुरुवार शाम करीब साढ़े पांच में एक शख्स ने फोन किया. बताया कि उसके मकान में किराए पर रहने वाली एक महिला गले में फंदा लगा कर जान दे दी है और उसका पति इस वक्त बेंगलुरु में नहीं है, वो महाराष्ट्र गया है. यानी मामला सुसाइड या फिर संदिग्ध मौत का था और वो भी एक अकेली महिला का, तो पुलिस ने बिना देर किए इस इनफॉर्मेशन पर रिएक्ट किया. कंट्रोल रूम से मिली खबर के बाद हुलीमावू थाने की एक टीम उस बताए गए पते पर पहुंची, जहां वारदात होने की खबर दी गई थी. 

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घर का दरवाजा अंदर से बंद था. पुलिस ने किसी तरह से दरवाजा खोला और अंदर दाखिल हुई. पहले तो पुलिस वालों को अंदर कुछ भी संदिग्ध नजर नहीं आया, लेकिन जब उन्होंने पूरे घर की जांच की और उनकी निगाह बाथरूम की तरफ गई, तो पुलिस वाले भी सोच में पड़ गए. बाथरूम में एक बड़ा सा सूटकेस पड़ा हुआ था. सूटकेस जैसी चीज का बाथरूम में पड़ा होना ही अपने आप में शक पैदा कर रहा था. ऐसे में पुलिस ने तुरंत सूटकेस को खोलने का फैसला किया और अंदर जिस चीज पर पुलिस की नजर पड़ी, वो एक लाश थी.

सूटकेस में एक महिला की लाश ठूंस कर भरी हुई थी. लाश पर चाकू मारे जाने के कई निशान थे और उसका गला भी गला हुआ था. मकान मालिक से मरने वाली महिला की पहचान भी हो गई. गौरी अनिल सांब्रेकर. अपने पति राकेश खेडेकर की तरह गौरी भी मूल रूप से महाराष्ट्र की ही रहने वाली थी. दोनों कुछ ही महीने बेंगलुरु में शिफ्ट हुए थे. गौरी का पति राकेश सांबेकर जहां एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था. वहीं गौरी ने मास मीडिया और कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की थी.

फिर सवाल ये था कि आखिर गौरी का कत्ल किसने किया? उसके पति राकेश ने या फिर किसी और ने? मकान मालिक से करने पर पता चला कि उसे गौरी की मौत की खबर भी किसी और ने नहीं बल्कि खुद राकेश ने ही किसी के जरिए फोन पर दी थी. यानी राकेश बेशक महाराष्ट्र में हो, उसे गौरी की मौत की खबर थी. उधर, जब महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश आगे बढ़ाई और राकेश की तलाश शुरू की, तो पता चला कि उसको पुणे पुलिस ने गौरी के कत्ल के इल्जाम में हिरासत में ले लिया है.

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असल में राकेश ने गुरुवार को सिर्फ बेंगलुरु में अपने मकान मालिक को ही नहीं, बल्कि अपने पिता को भी फोन किया और इसकी जानकारी अपने सास-ससुर को देने की बात कही. उसने अपने पिता से कहा कि वो उसके ससुराल में ये बता दे कि उसने उनकी बेटी को मार कर सूटकेस में पैक कर दिया है और गौरी की लाश उनके बेंगलुरु वाले मकान में सूटकेस में बंद पड़ी है. खुद राकेश ने भी इसकी खबर अपने ससुराल वालों को फोन पर दी. इसके बाद गौरी के घर वालों ने पुणे पुलिस को इस वारदात की जानकारी दी. 

पुणे पुलिस ने राकेश की तलाश शुरू कर चुकी थी. पुलिस ने उसका नंबर सर्विलांस पर लिया. इस बीच सतारा में बीच ट्रैफिक में लोगों की नजर एक ऐसे शख्स पर पड़ी, जो एक कार की ड्राइविंग सीट पर था, लेकिन बेहोश हो चुका था. सतारा के एक पुलिस स्टेशन के बाहर एक शख्स लोगों को अर्द्ध बेहोशी की हालत में मिला. लोगों ने आनन-फानन में इस आदमी के बारे में पुलिस को जानकारी दी और पुलिस ने इस आदमी को फौरन इलाज के लिए पुणे के ससून अस्पताल में भर्ती करवाया.

पता चला कि ये आदमी यूं ही बेहोश नहीं हुआ, बल्कि उसने कोई जहरीली चीज खा ली थी. अब जब सतारा पुलिस ने उसकी पहचान पता करने की कोशिश की, तो ये शख्स कोई और नहीं बल्कि वही राकेश आंबेकर निकला, जिसने अपनी बीवी की हत्या करने की बात अपने सास-ससुर से कही थी और जिसकी पुणे पुलिस तलाश कर रही थी. उधर, मामले की तफ्तीश कर रही बेंगलुरु पुलिस गौरी के कत्ल का सच जानना चाहती थी. लेकिन सस्पेक्ट उनकी पकड़ से दूर पुणे में था.

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ऐसे में बेंगलुरु पुलिस ने पुणे पुलिस से बात की और उनके हवाले से कत्ल की शुरुआती कहानी सामने आ गई. अस्पताल में भर्ती राकेश ने पुलिस को बताया कि उसकी गौरी से दो साल पहले लव मैरिज हुई थी. वो एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है, जबकि उसकी पत्नी गौरी कहीं और काम करती थी. हाल ही में गौरी ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी और पिछले कुछ समय से घर पर ही रह रही थी. राकेश घर पर ही रहता था, क्योंकि उसका वर्क फ्रॉम होम चल रहा था. 

घर में रहने के दौरान दोनों में अक्सर तनातनी रहती थी. लड़ाइयां भी होती थीं. धीरे-धीरे उनके रिश्ते तल्ख होते चले गए. 26 मार्च की रात को दोनों में डिनर टेबल पर किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ, जो इतना बढ़ा कि राकेश ने पहले गौरी को चाकू मारे और जब उसकी हालत बिगड़ गई, तो उसने उसी चाकू से गौरी का गला काट दिया. इसके बाद उसने उसकी लाश सूटकेस में पैक कर लिया. बाद में उसने अपना इरादा बदल दिया लाश को छोड़ कर खुद पुणे निकल गया. 

राकेश और गौरी रिश्ते में एक-दूसरे के ममेरे-फुफेरे भाई बहन भी थे. यानी गौरी राकेश की बुआ की बेटी है. राकेश के घरवालों का कहना है कि गौरी थोड़ी गुस्सैल स्वभाव की थी और अक्सर राकेश से लड़ती रहती थी. इस पर जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें शादी से पहले गौरी के इस स्वभाव की जानकारी थी, तो राकेश के पिता ने कहा कि चूंकि राकेश और गौरी एक दूसरे से प्यार करते थे और शादी की जिद पर अड़े थे, तो उन्होंने दोनों की शादी कर दी.

शादी के दो साल गुजरते-गुजरते गौरी और राकेश के मैरिज में से लव गायब हो गया और उसकी जगह नफरत ने ले ली. इसके बाद ये भयानक वारदात हुई. लेकिन पति-पत्नी के रिश्तों के बीच तल्खी और जुर्म की बेंगलुरु से आई यही एक कहानी नहीं है. बमुश्किल पांच दिन पहले बेंगलुरु में एक पत्नी ने अपनी मां के साथ मिल कर अपने ही पति की गला रेत कर हत्या कर दी और फरार हो गई. बेंगलुरु में एक कार के अंदर पुलिस को लोकनाथ सिंह नामक प्रॉपर्टी डीलर की लाश मिली थी.

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