
Triple Death Mystery: एक शहर से एक साथ तीन लड़कियां अपने-अपने घरों से गायब हो जाती हैं. लड़कियों की उम्र 13 से 14 साल के आस-पास है. घरवाले परेशान हैं. इसी बीच एक लड़की के घरवालों को अपनी बेटी का लिखा एक लास्ट नोट मिलता है, वो नोट जिसमें लड़कियों ने लिखा था कि वो अपनी मर्जी से धार्मिक यात्रा पर जा रही हैं. उन्हें तीन महीने तक ढूंढने की कोशिश ना की जाए. और अगर उन्हें ढूंढने की कोशिश की गई, तो उनके पास ज़हर की शीशी पहले से तैयार रखी है.
घर से निकलने के बाद गायब हुईं तीन लड़कियां
इस कहानी की शुरुआत होती है बिहार के मुजफ्फरपुर से. जहां से 13 मई को स्कूल जाने वाली तीन लड़कियां अपने-अपने घर से निकलती हैं और गायब हो जाती हैं. तीनों ही लड़कियों ने घर छोड़ने से पहले ये बताया था कि वो पास के मंदिर में पूजा करने जा रही हैं. लेकिन घरवालों के साथ यही उनकी आखिरी मुलाकात और आखिरी बातचीत थी.
घरवालों को मिली चिठ्ठी
इधर, लड़कियां गायब हुई. उधर, घरवालों ने उनकी खोजबीन शुरू कर दी. लेकिन तब तक एक लड़की के घरवालों को अपनी बेटी की छोड़ी हुई एक चिट्ठी मिलती है, जिसमें लड़की ने लिखा था कि घरवाले उन्हें कम से कम तीन महीने तक ढूंढने की कोशिश ना करें, क्योंकि वो धार्मिक यात्रा पर जा रही हैं. और अगर उन्होंने उन्हें ढूंढने की कोशिश की तो फिर वो कभी नहीं मिलेंगी. हालांकि परेशान घरवाले फिर भी एफआईआर दर्ज करवाते हैं और लड़कियों को अपने तौर पर ढूंढ़ने की कोशिश जारी रहती है.
मथुरा से मिली मौत की मनहूस ख़बर
लेकिन इससे पहले कि एक ही शहर से एक साथ गायब इन तीन लड़कियों का कुछ पता चलता, मुजफ्फरपुर से करीब 1 हज़ार किलोमीटर दूर मथुरा से एक मनहूस खबर लड़कियों के घरवालों को मिलती है. ख़बर ये कि तीनों लड़कियों ने ट्रेन से आगे कूद कर अपनी जान दे दी. ये सुनकर उन लड़कियों के घरवालों के होश उड़ जाते हैं. उन्हें समझ नहीं आता कि आखिर ये सब क्या हो गया? घरों में मातम पसर जाता है.
धार्मिक यात्रा के दौरान खुदकुशी क्यों?
अब सवाल था कि आखिर ये लड़कियां अपने-अपने घरों से गायब क्यों हो गई? इन्होंने अपने घर से दूर मथुरा में ट्रेन के आगे कूद कर खुदकुशी क्यों कर ली? तीनों ने धार्मिक यात्रा पर जाने की बात कही थी, साथ ही ये भी कहा था कि घरवाले उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश ना करें. ऐसा क्यों? और सबसे अहम ये कि आखिर इस सुसाइड पैक्ट यानी खुदकुशी वाले कदम की असली वजह क्या रही?
सुसाइड मिस्ट्री को सुलझाने की कोशिश
तो मुजफ्फरपुर से मथुरा तक फैली तीन लड़कियों की ये सुसाइड मिस्ट्री कुछ इतनी पेचीदा है कि इसमें दो राज्यों की पुलिस करीब 25 दिनों के बाद भी खाली हाथ है. ये और बात है कि लड़कियों के घरवाले अपने हाथों से अपनी लाडलियों को आखिरी विदाई दे चुके हैं. तीन लड़कियों की सुसाइड मिस्ट्री के पीछे की वजहों को जानने के लिए इस वाकये को पूरे सिलसिले को समझना जरूरी है.
सोमवार, 13 मई 2024, बालुघाट - मुजफ्फरपुर
13 मई को बालुघाट की रहने वाली 14 साल की माही और योगियामठ की रहने वाली 14 साल की गौरी अपनी 13 साल की और सहेली माया अचानक घर से गायब हो गईं. घर से निकलते वक़्त तीनों ने कहा था कि वो पास के गरीब नाथ मंदिर में पूजा करने जा रही हैं. इत्तेफाक से उस रोज़ उन तीनों के साथ गौरी की छोटी बहन भी थी, जो तीनों के साथ मंदिर तक गई थी. लेकिन मंदिर में पूजा करने के बाद तीनों मंदिर से सीधे मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, वहां से किसी ट्रेन का टिकट खरीदा और गौरी की छोटी बहन को ये कहते हुए तीनों एक ट्रेन में सवार हो गई कि वो दो-तीन घंटे में वापस लौट आएंगी.
कहानी में ऐसे आया पहला ट्विस्ट
गुमशुदगी तो खैर अपनी जगह है, लेकिन साथ गई गौरी की बहन ने भी तीन लड़कियों के ट्रेन में बैठ कर कहीं चले जाने की ये बात अपने घरवालों को पूरे दो दिन बाद बताई, क्योंकि अपनी दीदी और उनकी सहेलियों का यूं किसी ट्रेन में बैठ कर कहीं चले जाना उसे काफी डरा रहा था. बहरहाल, अब तक घरवाले अपनी बच्चियों की तलाश शुरू कर चुके थे. लेकिन इस बीच कहानी में तब पहला ट्विस्ट आया, जब गौरी के घरवालों को उसकी कॉपी से उसके हाथों की लिखी एक चिट्ठी मिली. वो चिट्ठी जिसमें गुमशुदगी की वजह भी लिखी थी और मौत की धमकी भी.
लड़कियों ने घरवालों को दी थी जान देने की धमकी
घरवाले अपनी बेटियों की गुमशुदगी से पहले ही परेशान थे, ऊपर से गौरी की ये चिट्ठी डराने वाली थी, क्योंकि चिट्ठी में लड़कियों ने अपनी मर्जी से धार्मिक यात्रा पर जाने की बात कही थी साथ ही ये भी धमकी दी थी कि अगर घरवालों उन्हें ढूंढने की हरगिज़ कोशिश ना करें. वरना वो ज़हर खाकर जान दे देगी. यहां तक कि इस चिट्ठी में गौरी ने तीन महीने बाद घर लौटने की डेट और टाइम भी मेंशन कर दी थी. लेकिन परेशान घरवाले आखिर कैसे चुप बैठते? उन्होंने ये चिट्ठी मुजफ्फरपुर पुलिस को दी और बच्चियों की तलाश जारी रखी.
पुलिस ने दी थी लखनऊ में होने की खबर
लेकिन इन तमाम बातों के बीच सिर्फ एक उम्मीद इस बात की थी कि माही अपने साथ एक मोबाइल फोन लेकर गई थी और घरवालों को उम्मीद थी कि पुलिस जल्द ही बेटी के मोबाइल फोन से उनकी लोकेशन ट्रेस करने में कामयाब हो जाएगी. हालांकि इस बीच पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में हिला-हवाली भी की, लेकिन गुमशुदगी के कुछ दिनों के बाद पुलिस ने लड़कियों के घरवालों को जो पहली जानकारी दी उसके मुताबिक लड़कियों ने लखनऊ जाने वाली ट्रेन का टिकट लिया था. इसके बाद गौरी के घरवाले लखनऊ पहुंचे. मगर, लड़कियों का कोई पता नहीं चला.
13 दिन बाद मथुरा में दी जान
इस बीच पुलिस को लड़कियों की लोकेशन कानपुर मिली, जिसके बाद घरवालों ने कानपुर में भी अपनी बेटियों को रेलवे स्टेशन से लेकर आस-पास के इलाकों में खूब ढूंढा, लेकिन ये कोशिश भी नाकाम चली गई. लेकिन इस गुमशुदगी के ठीक 13 दिन बाद एक ऐसी वारदात हुई, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था. तीनों ही लड़कियां एक दूसरे का हाथ पकड़ कर मथुरा में एक मालगाड़ी के सामने खड़ी हो गई और इस तरह एक साथ अपने-अपने घरों से गायब होने वाली तीनों ही लड़कियों ने एक साथ ही अपनी जान दे दी.
ऐसे उलझा लड़कियों की मौत का मामला
मथुरा की रेलवे पुलिस को जब इस मास सुसाइड के बारे में जानकारी मिली, तो पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. लेकिन यहां से मामला सुलझने की बजाय मानों और उलझ गया. लड़कियों के कपड़ों पर लगे मुजफ्फरपुर के टेलर के टैग से मथुरा की रेलवे पुलिस ने उनके घरवालों का तो पता लगा लिया, लेकिन इनमें से दो लड़कियों माही और माया के कपड़ों से मिले दो सुसाइड नोट ने इस वारदात के रहस्य को और गहरा कर दिया.
नोट नंबर - 1
पुलिस को माया के कपड़ों से जो सुसाइड नोट मिला था, वो कुछ इस तरह था. नोट में लिखा था कि वो बहुत कुछ लिखना चाहती थी, लेकिन वक़्त की कमी के चलते ज्यादा नहीं लिख पाई. उसे कोचिंग भी जाना था. साथ ही उसने इस नोट में लव यू गौरी और माई वाइफ भी लिखा था. जो अपने-आप में एक अजीब बात थी. लव यू गौरी तो समझ में आती है, क्योंकि माया गौरी की सहेली थी, लेकिन माया ने किसके लिए वाइफ शब्द का इस्तेमाल किया, ये एक रहस्य था.
नोट नंबर - 2
दूसरा नोट पुलिस को माही के पास मिला. जिसमें माही ने भी घर पर छोड़े गए गौरी के नौट से मिलती-जुलती बातें ही लिखी थीं. माही ने लिखा था कि वो गौरी और माया के साथ धार्मिक यात्रा पर जा रही है और खुद ही लौट आएंगी. अगर किसी ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की, तो वो जहर खा कर जान दे देंगी.
लड़कियों ने क्यों की खुदकुशी?
यानी सुसाइड की बात उनके दिमाग़ में पहले ही चल रही थी. लेकिन फिर सवाल ये है कि उन्होंने सुसाइड के लिए ट्रेन के आगे कूदने का फैसला क्यों किया, जबकि तीनों ने अलग-अलग मौकों पर जहर खा कर जान देने की बात कही थी. एक सवाल ये भी था कि जब घरवाले बिल्कुल खामोशी से लड़कियों को ढूंढ रहे थे और उन तक पहुंचने की उनकी कोई भी कोशिश कामयाब नहीं हुई, तो फिर लड़कियों ने खुदकुशी क्यों कर ली? कहीं ऐसा तो नहीं कि लड़कियों को ये पता चल गया कि उनके मना करने के बावजूद घरवाले उन्हें खोज रहे हैं. और सबसे अहम ये कि घरवालों के ढूंढने ने उन्हें भला ऐसी क्या दिक्कत थी कि वो सीधे जान देने की बात कर रही थी. ये सबकुछ बहुत रहस्यमयी था.
मौत के बाद की जिंदगी!
सुसाइड कभी किसी समस्या का हल नहीं हो सकता, ये तो सही है. लेकिन ये भी सही है कि लाइफ आफ्टर डेथ यानी मौत के बाद की जिंदगी हमेशा से एक रहस्यमयी विषय रहा है. और इन तीन लड़कियों की मौत की ये कहानी कुछ इसी थ्योरी के इर्द-गिर्द घूमती है. क्योंकि इनमें दो लड़कियां जहां भगवान से मिलना चाहती थी, वहीं एक को अपनी मर चुकी मां से मिलने की आस थी और इसके लिए उसने बाकायदा तारीख तय कर रखी थी.
बेहद धार्मिक प्रवृति की थी तीनों लड़कियां
छानबीन में पता चला है कि तीनों ही लड़कियां बेहद धार्मिक प्रवृति की थी और हर रोज़ घंटों पूजा पाठ में वक्त बिताती थी. मंदिर जाना, पूजा करना उनका रोज़ का काम था. और तो और इस उम्र में जब लड़कियां इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल नेटवर्क पर रील्स देखती हैं, ये लड़कियां गुरुओं और बाबाओं के प्रवचन सुना करती थीं. और एक एक कर तीनों ने ना सिर्फ नॉनवेज खाना बंद कर दिया था, बल्कि अपने घरवालों को भी नॉनवेज खाने से रोका करती थीं. लेकिन धार्मिक होने और धार्मिक यात्रा पर जाने से सुसाइड करने का क्या रिश्ता हो सकता है, ये एक अबूझ पहेली है.
लड़कियों के हाथ पर मेहंदी से लिखा SBG और युवराज
इसी तरह पुलिस को एक लड़की के हाथ में मेहंदी से एसबीजी लिखा मिला है, जबकि दूसरी लड़की के हाथ में युवराज लिखा है. आखिर ये एसबीजी और युवराज का राज़ क्या है, ये भी अभी साफ नहीं है. घरवालों को लगता है कि एसबीजी का मतलब शिव बिष्णु और गणेश हो सकता है. पूर्वी भारत और बिहार के इलाकों में भगवान विष्णु को बिष्णु भी कहते बोलते हैं. लेकिन सवाल वही है कि भगवान के नाम और पूजा-पाठ से मौत का कनेक्शन नहीं बन रहा है.
मरी हुई मां से मिलने की ख्वाहिश
हालांकि इनमें से एक लड़की माही कुमारी की मां नहीं थी. और वो अपनी नाना-नानी के साथ रहती थी. माही को अपनी मां से बहुत लगाव था और वो अक्सर मां से मिलने जाने की बात कहती थी. माही ने एक जगह एक नोट में 2024 के मई के महीने में मां के पास जाने की बात भी लिखी थी. ऐसे में सवाल ये भी है कि कहीं इन बच्चियों ने अपनी मां और भगवान के पास जाने या उनसे मिलने के धोखे में तो ये भयानक कदम नहीं उठा लिया?
हैरान करने वाली इच्छा
हालांकि इन लड़कियों के कुछ घरवालों को ये मामला सुसाइड का नहीं, बल्कि कत्ल का लगता है. जिनका कहना है कि किसी ने लड़कियों को अगवा कर उनकी जान ले ली होगी. हालांकि मथुरा पुलिस के पास उस मालगाड़ी के ड्राइवर का बयान मौजूद है, जिसने लड़कियों को एक दूसरे का हाथ पकड़ कर अचानक ट्रेन के सामने खड़े होते हुए देखा था. और इस हिसाब से तीनों की मौत के सुसाइड होने की पुष्टि होती है. लेकिन सुसाइड के पीछे भगवान से या फिर मर चुकी मां से मिलने की इच्छा थी, ये बात हैरान करती है.